घरेलू शेयर बाजार मंगलवार को हरे निशान में खुला, लेकिन मुनाफावसूली के बीच भारी बिकवाली के बाद जल्द ही लाल निशान में आ गया। निफ्टी 333 अंक (1.5 प्रतिशत) गिरकर 21,239 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 1,000 अंक (1.47 प्रतिशत) गिरकर 70,370 पर बंद हुआ।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि व्यापक बाजार में तेज गिरावट देखी गई, मिडकैप100/स्मॉलकैप100 में 3 प्रतिशत की गिरावट आई। फार्मा एकमात्र ऐसा सेक्टर रहा, जिसमें 1.7 फीसदी की तेजी आई।
उन्होंने कहा कि ज़ी-सोनी डील रद्द होने के कारण बाकी सभी सेक्टरों में बिकवाली का दबाव देखा गया और मीडिया को सबसे ज्यादा 13 प्रतिशत का नुकसान हुआ।
ओबेरॉय रियल्टी के कमजोर नतीजे के बाद निफ्टी रियल्टी भी 5.3 फीसदी गिर गया। उन्होंने कहा कि पीएसयू बैंक, रेलवे और पावर यूटिलिटीज ऐसे कुछ सेक्टर थे, जिनमें हाल के दिनों में तेज उछाल आई थी लेकिन मंगलवार को मुनाफावसूली में फंस गए।
फिच समूह ने बयान दिया था कि लाल सागर में हौथी हमलों के कारण दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्थाएं सबसे अधिक प्रभावित होंगी, और लंबे समय तक व्यवधान के कारण भारत के आर्थिक पूर्वानुमान को एक महत्वपूर्ण जोखिम का सामना करना पड़ सकता है। इसके चलते ग्लोबल सेंटीमेंट्स प्रभावित हुआ।
इसके अलावा, बैंक ऑफ जापान ने चीन का अनुसरण किया और ब्याज दरों को बरकरार रखा। खेमका ने कहा, अब निवेशक मंगलवार देर रात आने वाले अमेरिकी जीडीपी डेटा के साथ-साथ इस सप्ताह के अंत में आने वाले ईसीबी दर पर फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
इस हफ्ते केवल तीन कारोबारी दिन हैं। खेमका ने कहा कि कमजोर वैश्विक संकेतों और अब तक जारी आय के मिले जुले आंकड़े को देखते हुए, बाजार में थोड़ी स्थिरता आएगी और छोटी अवधि में इसमें थोड़ी और गिरावट आ सकती है।
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Source : IANS