प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाल ही में मुंबई और चेन्नई में 14 स्थानों पर तलाशी के बाद 45 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी, बैंक बैलेंस और शेयर जब्त कर लिए हैं। यह मामला 129 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी से जुड़ा है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने 29-30 नवंबर को 14 स्थानों पर तलाशी ली। कार्रवाई के केंद्र में गेटवे ऑफिस पार्क्स प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व में श्रीराम प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड) का पूर्व कर्मचारी रामप्रसाथ रेड्डी था जिसका 2017 में ग्लोबल फंड हाउस ज़ेंडर ने अधिग्रहण कर लिया था।
इसमें कहा गया है कि कुछ अन्य कंपनियाँ पुखराज जैन परिवार (सलेम स्टेनलेस स्टील सप्लायर्स प्राइवेट लिमिटेड, फोर स्टार एस्टेट्स एलएलपी, मेसर्स हाई हिल्स एलएलपी), और राजेश उर्फ सरवनन जीवनानंदम (जेकेएस कंस्ट्रक्शन, सुयंभू प्रोजेक्ट्स, एसके ट्रेडर्स) द्वारा नियंत्रित हैं। एसवी इंफ्रास्ट्रक्चर, जीआर प्रोजेक्ट्स और कार्तिक ट्रेडर्स) की भी तलाशी ली गई।
ईडी का मामला सीसीबी, चेन्नई द्वारा रेड्डी और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। मेसर्स गेटवे ऑफिस पार्क्स प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, इस मामले में 129 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई है।
ईडी ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि रेड्डी ने अपने परिवार के स्वामित्व वाली संस्थाओं के माध्यम से 129 करोड़ रुपये की हेराफेरी की।
इसमें कहा गया है, फर्जी चालान जारी करने का लाभ उठाते हुए, वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति के लिए भुगतान के बहाने उल्लिखित संस्थाओं के माध्यम से धनराशि को डायवर्ट किया गया था।
ईडी ने कहा कि तलाशी अभियान से अघोषित नकदी या भारतीय मुद्रा, बैंक बैलेंस और शेयरों का पता चला।
ईडी ने कहा, पीएमएलए, 2002 की धारा 17(1ए) के तहत कुल 45 करोड़ रुपये से अधिक की चल संपत्ति जब्त कर ली गई।
इसमें कहा गया है कि मुंबई और चेन्नई में महंगे अपार्टमेंटों के साथ-साथ अपराध की आय से प्राप्त अन्य संपत्तियों की पहचान की गई और प्रासंगिक दस्तावेज जब्त किए गए।
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Source : IANS