दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिली थी लेकिन शुक्रवार को हाई कोर्ट ने उनकी रिहाई पर रोक लगा दी। वह शराब घोटाला से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में जेल में हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में निचली अदालत के जमानत आदेश को चुनौती देते हुए शुक्रवार को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने जस्टिस सुधीर कुमार जैन और जस्टिस रविंदर डुडेजा की वेकेशन बेंच में याचिका लगाई। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने रिहाई पर रोक लगा दी।
एएसजी राजू ने कहा, मैं तत्काल रोक की मांग कर रहा हूं। आदेश कल 8 बजे सुनाया गया था। आदेश अपलोड नहीं किया गया है। हमारी बात निचली अदालत में नहीं सुनी गई।
सीएम केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने स्टे लगाने की मांग का विरोध किया। सिंघवी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के दस फैसले हैं कि जमानत रद्द करना जमानत देने से बिल्कुल अलग होता है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि मामले की पूरी सुनवाई होने तक जमानत आदेश लागू नहीं किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल को 21 दिन के लिए जमानत मिली थी। चुनाव समाप्त होते ही 2 जून को फिर से वो जेल चले गए थे।
इससे पहले गुरुवार शाम आदेश सुनाए जाने के वक्त ईडी ने अनुरोध किया था कि क्या जमानत बांड पर हस्ताक्षर को 48 घंटे के लिए टाला जाय, ताकि आदेश को बड़ी अदालत में चुनौती दी जा सके। अदालत ने ईडी के आग्रह को खारिज करते हुए आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
अदालत ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर केजरीवाल की जमानत दी थी। इसके बाद शुक्रवार सुबह ईडी दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गई।
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Source : IANS