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दिल्ली हाईकोर्ट ने की राजद्रोह मामले में जमानत के लिए शरजील की याचिका पर ट्रायल कोर्ट के फैसले की समय सीमा तय

दिल्ली हाईकोर्ट ने की राजद्रोह मामले में जमानत के लिए शरजील की याचिका पर ट्रायल कोर्ट के फैसले की समय सीमा तय

Updated on: 30 Jan 2024, 03:30 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक ट्रायल कोर्ट को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषणों से जुड़े मामले में शरजील इमाम द्वारा दायर वैधानिक जमानत की मांग पर 17 फरवरी तक निर्णय लेने और फैसला सुनाने का निर्देश दिया।

इमाम, जिस पर दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा द्वारा 2020 की एफआईआर 22 के तहत मामला दर्ज किया गया था, शुरू में देशद्रोह के अपराध के लिए केस दर्ज किया गया था।

बाद में, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 लागू की गई।

वह 28 जनवरी, 2020 से हिरासत में है और उसका तर्क इस दावे पर केंद्रित है कि उसने यूएपीए की धारा 13 के तहत निर्धारित अधिकतम सात साल की सजा का आधा हिस्सा पूरा कर लिया है।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की खंडपीठ ने नियमित जमानत के लिए इमाम की याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि वैधानिक जमानत के लिए आवेदन पहले से ही ट्रायल कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है।

अदालत ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा, हम ट्रायल कोर्ट को सुनवाई की अगली तारीख से 10 दिनों के भीतर उक्त आवेदन पर निर्णय लेने और फैसला सुनाने का निर्देश देते हैं।

इसके अलावा, अदालत ने इमाम को उसकी प्रारंभिक अपील में उल्लिखित आधारों या किसी अतिरिक्त आधार के आधार पर, यदि जमानत से इनकार कर दिया जाता है, तो नई अपील दायर करने के अधिकार की पुष्टि की।

दिल्ली पुलिस ने यह कहते हुए कि सिर्फ एक अपराध नहीं है, बल्कि कई अपराध हैं,पहले इमाम के इस दावे का विरोध किया था कि उसने यूएपीए की धारा 13 के तहत निर्धारित अधिकतम सात साल की सजा का आधा हिस्सा पूरा कर लिया है।

उनके आवेदन के अनुसार, उन्होंने न्यायिक हिरासत में तीन साल और छह महीने बिताए हैं और इस प्रकार उन्हें आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 436 ए के तहत वैधानिक जमानत का हकदार होना चाहिए।

आवेदन में कहा गया है कि इमाम अपनी रिहाई पर विश्वसनीय जमानत देने और किसी भी शर्त का पालन करने को तैयार है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.