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जांच में शामिल होने और सक्रिय रूप से भाग लेने में फर्क है : दिल्ली हाईकोर्ट

जांच में शामिल होने और सक्रिय रूप से भाग लेने में फर्क है : दिल्ली हाईकोर्ट

IANS | Edited By : IANS | Updated on: 14 Nov 2023, 10:20:01 PM
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(source : IANS) (Photo Credit: (source : IANS))

नई दिल्ली:   दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि चल रही जांच में आरोपी के केवल शामिल होने और सक्रिय रूप से भाग लेने के बीच अंतर है।

न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी ने उस प्रवृत्ति पर चिंता जताई, जिसमें आरोपी व्यक्ति सतही तौर पर अदालत के निर्देशों का पालन करते हैं और वास्तविक जुड़ाव के बिना जांच में शामिल होते हैं।

दुष्‍कर्म सहित अन्य आरोपों का सामना कर रहे एक व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका पर विचार करते समय अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि जमानत के बाद एक आरोपी से न केवल भाग लेने की उम्मीद की जाती है, बल्कि सक्रिय रूप से जांच प्रक्रिया में शामिल होने की भी अपेक्षा की जाती है।

आरोपी द्वारा लागू किए जा सकने वाले संवैधानिक सुरक्षा उपायों को स्वीकार करते हुए अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि यदि सक्रिय सहयोग की कमी होगी तो अग्रिम जमानत देने का उद्देश्य खत्म हो जाएगा।

न्यायमूर्ति बनर्जी ने अदालत द्वारा लगाई गई शर्तों का अनुपालन न करने के परिणामों की संवेदनशीलता और समझ की जरूरत पर जोर दिया।

आरोपी के साफ-सुथरे रिकॉर्ड और पूर्व शिकायतों के अभाव को देखते हुए अदालत ने अग्रिम जमानत दे दी।

शर्तों में 50,000 रुपये का निजी बांड, एक भरोसेमंद व्यक्ति से समान राशि की एक जमानत और गिरफ्तारी पर अतिरिक्त शर्तों का पालन शामिल था।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

First Published : 14 Nov 2023, 10:20:01 PM