दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को आवारा कुत्तों की समस्या के गंभीर मुद्दे पर त्वरित और उचित कार्रवाई करने को कहा है।
जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने मामले की गंभीरता बताई और आदेश दिया कि आदेश की एक प्रति एमसीडी कमिश्नर को तत्काल कार्रवाई के लिए भेजी जाए।
अदालत ने सारिका पटेल के खिलाफ 2014 में दायर दो एफआईआर को रद्द कर दिया, जिन पर उनके पालतू कुत्ते द्वारा एक व्यक्ति और उसके पिता को अलग-अलग मौकों पर काटने का आरोप लगाया गया था। हालांकि, शामिल पक्ष पिछले साल मई में एक सौहार्दपूर्ण समझौते पर पहुंचे।
अदालत ने कहा कि पक्षों के बीच विवाद मुख्य रूप से निजी प्रकृति का था और उन्होंने अपने सभी विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया है। न्याय के हित में और मामले को समाप्त करने के लिए, अदालत ने शिकायतों को रद्द करने का फैसला किया।
सारिका पटेल ने खुद को पशु प्रेमी बताया था। सारिका पटेल ने कहा कि वह नियमित रूप से अपने पड़ोस में आवारा कुत्तों और उनके बच्चों को भोजन प्रदान करती हैं।
उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि शिकायतकर्ताओं को काटने का आरोपी कुत्ते वास्तव में आवारा थे, न कि उनके पालतू जानवर, और इसलिए उनका उन पर कोई नियंत्रण नहीं था।
पटेल ने तर्क दिया कि चूंकि वह पड़ोसी थी, इसलिए वे अपने समुदाय में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए शिकायतों को खत्म करना चाहती थीं। अदालत को बताया गया कि उन्होंने मामला सुलझा लिया है और अब एक-दूसरे के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है।
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Source : IANS