दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने बामनोली भूमि मामले पर रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मंत्री आतिशी पर वार किया, तो दिल्ली सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि यह उपराज्यपाल की ओर से अपने पसंदीदा अधिकारियों, यानी मुख्य सचिव नरेश कुमार और संभागीय आयुक्त अश्विनी कुमार को बचाने का एक बेशर्म प्रयास है।
दिल्ली सरकार ने बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले में उपराज्यपाल के नोट के जवाब में कहा, यह उपराज्यपाल की ओर से अपने पसंदीदा अधिकारियों, यानी मुख्य सचिव और मंडलायुक्त को बचाने का एक बेशर्म प्रयास है।
आप ने कहा, अगर उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है, तो उपराज्यपाल उनके खिलाफ जांच में बाधा क्यों डाल रहे हैं? सतर्कता मंत्री (आतिशी) की रिपोर्ट एक व्हिसलब्लोअर की शिकायत और घोटाले में मुख्य सचिव की भूमिका को उजागर करने वाली मीडिया रिपोर्टों के कारण आई थी। फिर भी उपराज्यपाल ने उलटे सरकार पर ही राजनीतिक हमला शुरू कर दिया।
दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि पूरी निष्पक्षता से, सभी उपलब्ध सबूतों को सीबीआई को भेजा जाना चाहिए, ताकि एजेंसी निष्पक्ष जांच कर सके।
आगे कहा गया कि यह सच है कि मुख्य सचिव का बेटा लाभार्थी कंपनी में कर्मचारी और निदेशक है।
हम हैरान हैं कि एलजी को इस तथ्य में कुछ भी असामान्य नहीं लगता कि मुख्य सचिव का 30 वर्षीय बेटा कंपनियों के एक समूह में निदेशक है, जिनमें से कई एक ही पते पर पंजीकृत हैं, एक ही ईमेल आईडी रखते हैं।
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Source : IANS