दक्षिणी दिल्ली के एक ज्वेलरी शॉप में 20 करोड़ रुपये से अधिक के आभूषण चोरी का आरोपी लोकेश श्रीवास छत्तीसगढ़ में पकड़ा गया। आरोपी ने खुलासा किया कि इस नापाक काम को उसने अकेले ही अंजाम दिया और इसके लिए वह अकेले ही 18 घंटेे तक डिस्क कटर मशीन, हथौड़ा, पेचकस और प्लास का इस्तेमाल करता रहा।
लोकेश श्रीवास (31) उर्फ गोलू को उमराव सिंह ज्वेलर्स से सोने और हीरे के आभूषणों की चोरी में कथित संलिप्तता के आरोप में भिलाई में पकड़ा गया। पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि उसने 18 घंटे में पूरे सेंधमारी ऑपरेशन को अकेले ही अंजाम दिया।
उसने 24 सितंबर की रात सेंधमारी कर लगभग 10.45 बजे ज्वेलरी शॉप में घुसा और जेवरों को समेट कर अगले दिन शाम 5 बजे के आसपास बाहर निकला।
सोमवार को बाजार क्षेत्र बंद होने के कारण मंगलवार सुबह तक चोरी का पता नहीं चल सका।
इसके अलावा, दुकान के अंदर का सीसीटीवी कैमरा, जिसे उसने बंद कर दिया था, बंद होने से पहले के फुटेज से भूतल पर एक नकाबपोश व्यक्ति की मौजूदगी का पता चला।
पुलिस उपायुक्त राजेश देव ने बताया कि लोकेश ने गहने चुराने से पहले एक डिस्क कटर मशीन, पोर्टेबल ड्रिल और एक हथौड़ा खरीदा था।
डीसीपी ने कहा, वह पेचकस और प्लास भी लाया था। उन्होंने बताया कि अपराध करने से पहले उसने 9, 17 और 21 सितंबर को रेकी की थी।
शुक्रवार को पकड़े गए छत्तीसगढ़ के कबीरधाम विवेकानंंद स्कूल के पास कैलाश नगर निवासी लोकेश उर्फ लोकेश्वर श्रीवास को शनिवार को छत्तीसगढ़ के विलासपुर स्थित सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया।
दिल्ली के हज़रत निज़ामुद्दीन पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी, सब-इंस्पेक्टर जितेंद्र ने चोरी की बरामद संपत्ति की सुरक्षा के लिए अदालत में आवेदन दायर किया और आरोपी के ट्रांजिट रिमांड का अनुरोध किया।
पुलिस के मुताबिक, लोकेश 21 सितंबर से अपराध वाले दिन तक चांदनी चौक के राजधानी गेस्ट हाउस में रह रहा था।
चोरी में कामयाबी के बाद उसने 25 सितंबर को रात करीब 9 बजे कश्मीरी गेट से सागर (मध्य प्रदेश) के लिए बस ली।
पुलिस ने आवेदन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) मनीष कुमार दुबे की अदालत में पेश किया। साथ ही विलासपुर के सिविल लाइन थाना पुलिस ने भी पांच दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए आवेदन दिया।
दोनों पक्षों की गहन दलीलों के बाद सीजेएम कोर्ट ने विलासपुर पुलिस को आरोपी लोकेश की तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड दे दी।
इसके अलावा, अदालत ने चोरी की बरामद संपत्ति दिल्ली पुलिस को हस्तांतरित करने के संबंध में सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन, विलासपुर, छत्तीसगढ़ के स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) से जवाब मांगा।
लोकेश ने आपराधिक गतिविधियां साल 2006 से शुरू की थी। उसने कोई गिरोह नहीं बनाया बल्कि अकेले ही चोरियां करता था। शुरुआत में उसने मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के अपने गृहनगर कबीरधाम में छोटी आभूषण दुकानों को निशाना बनाया। बाद में राज्य से बाहर भी चोरियां करने लगा। उसने आंध्र प्रदेश, ओडिशा और दिल्ली में चोरियां कीं।
साल 2010 तक अपने गृह जिले के भीतर लगभग छह चोरी के मामलों में शामिल होने के कारण उसे बाहरी अपराधी घोषित कर दिया गया और उसके मूल क्षेत्र की सीमाओं में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
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Source : IANS