तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को होने वाली मतगणना और अधिकांश एग्जिट पोल में कांग्रेस को बढ़त मिलने के मद्देनजर पार्टी अपने उम्मीदवारों को अपने प्रतिद्वंद्वियों द्वारा संभावित खरीद-फरोख्त के प्रयासों से बचाने के लिए सभी सावधानी बरत रही है।
कथित तौर पर पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व स्थिति पर बारीकी से नजर रखने के लिए कुछ वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षकों के रूप में हैदराबाद भेज रहा है। वे समय-समय पर पार्टी प्रत्याशियों को आवश्यक निर्देश देंगे। अभ्यर्थियों को हैदराबाद पहुंचने का निर्देश दिया गया है।
कांग्रेस नेतृत्व के निर्देश पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार शनिवार रात हैदराबाद पहुंचेंगे।
बेंगलुरु में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा कि वह पार्टी द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी निभाएंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) कांग्रेस उम्मीदवारों को लुभाने की कोशिश कर रही है, हालांकि उन्होंने विश्वास जताया कि कोई भी दलबदल नहीं करेगा।
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य और विशेष पर्यवेक्षक रमेश चेन्निथला, स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष के. मुरलीधरन, बंगाल कांग्रेस नेता दीपा दास मुंशी, कर्नाटक के मंत्री के.जे. जॉर्ज, एन.एस. बोसराजू तथा अन्य के भी आज दिन में हैदराबाद पहुंचने की संभावना है।
इस बीच, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने कथित तौर पर सभी 49 मतगणना केंद्रों पर अपने विशेष पर्यवेक्षक तैनात करने का फैसला किया है।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) विकास राज के साथ शनिवार को एक बैठक के दौरान तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के नेताओं ने अनुरोध किया कि सभी रिटर्निंग अधिकारियों को उम्मीदवारों के मुख्य चुनाव एजेंटों को चुनाव प्रमाण पत्र सौंपने का निर्देश दिया जाए।
टीपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग से मुख्य चुनाव एजेंटों को विजयी उम्मीदवारों की ओर से चुनाव प्रमाण पत्र एकत्र करने के लिए अधिकृत करने का आग्रह किया है।
यह एक संकेत है कि सभी उम्मीदवारों को हैदराबाद में एक निर्दिष्ट स्थान पर जाने के लिए कहा जा सकता है जहां केंद्रीय पर्यवेक्षक भी मौजूद हो सकते हैं।
इस बीच, तेलंगाना के एआईसीसी प्रभारी माणिकराव ठाकरे ने सभी पार्टी उम्मीदवारों के साथ ऑनलाइन बैठक की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने टीपीसीसी अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी और कुछ अन्य प्रमुख नेताओं के साथ भी बैठक की।
कांग्रेस नेताओं को डर है कि पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव कांग्रेस विधायकों को लालच दे सकते हैं जैसा उन्होंने 2014 और 2018 में किया था।
2018 के चुनावों के बाद एक दर्जन कांग्रेस विधायक टीआरएस (अब बीआरएस) में चले गए थे।
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Source : IANS