कांग्रेस ने शनिवार को गोवा की भाजपा सरकार पर एक बड़ी निजी फार्मेसी को लाभ पहुंचाने के लिए अत्यधिक कीमतों पर दवाएं खरीदने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेता गिरीश चोडनकर ने एक संवाददताता सम्मेलन में दावा किया कि मोरपेनेम (1 जीएम) इंजेक्शन 4,800 रुपये में खरीदा गया था, जिसकी सबसे कम कीमत 131.50 रुपये है।
भाजपा सरकार और स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे की आलोचना करते हुए चोडनकर ने कहा, यहां तक कि कैंसर के मरीजों को भी इस लूट में नहीं छोड़ा गया। उन्हें इस निजी फार्मेसी से महंगी दवाएं खरीदने के लिए कहा गया, हालांकि इसकी वास्तविक लागत कम है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर लगभग 32 हजार करोड़ रुपये की देनदारी है और उसकी वित्तीय स्थिति सबसे खराब है। इसके बावजूद करदाताओं का पैसा लूटा गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा, हमने पहले भी यह मुद्दा उठाया था और कैग ने भी इस पर अपनी टिप्पणी की थी। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग इस लूट को अंजाम देता रहा... हमारी मांग है कि इस घोटाले की गहन जांच की जाए। अगर सरकार इसकी जांच में विफल रहती है तो हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
चोडनकर ने कहा, ब्रेन स्ट्रोक के इलाज के दौरान इस्तेमाल किया जाने वाला रीकॉम्बिनेंट टिश्यू प्लास्मिनोजेन एक्टिवेटर इंजेक्शन 29 हजार रुपये में खरीदा गया था, जबकि (इसकी) वास्तविक कीमत 13 हजार रुपये थी। मोरपेनम इंजेक्शन 4,800 रुपये में खरीदा गया है, जबकि इसकी सबसे कम कीमत 131.50 रुपये है। कैंसर के इलाज में काम आने वाली एक दवा 1,500 रुपये में उपलब्ध है, लेकिन गोवा मेडिकल कॉलेज में स्थित इस फार्मेसी में यह पांच से छह हजार रुपये में बेची जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि 2018 से 2022 तक इस फार्मेसी को 163 करोड़ रुपये का कारोबार दिया गया, वह भी किसी प्रक्रिया का पालन किए बिना।
उन्होंने आरोप लगाया, कैग ने इस खरीद के बारे में बताया था... आपातकालीन दवाओं के नाम पर, ये (दवाएं) इस विशेष फार्मेसी से अत्यधिक दरों पर खरीदी जा रही हैं और इस फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए निविदा प्रक्रिया रोक दी गई थी।
चोडनकर ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को सतर्कता जांच शुरू करनी चाहिए और साबित करना चाहिए कि वह इस लूट में राणे के साथ मिलकर काम नहीं कर रहे थे।
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Source : IANS