मिशन पॉलिटिकल रिजर्वेशन फॉर शेड्यूल ट्राइब्स (एमपीआरएसटी) के बैनर तले कुल 16 अनुसूचित जनजाति (एसटी) संगठनों ने सीटें आरक्षित नहीं किए जाने पर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का प्रस्ताव पारित किया है।
एमपीआरएसटी के सचिव रूपेश वेलिप ने बताया कि संगठन के सदस्य केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय से मिले जवाब से निराश हैं और शनिवार को हुई बैठक में चुनाव का बहिष्कार करने का संकल्प लिया है।
मंत्रालय के विधायी विभाग ने कहा कि राज्य विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए सीटें आरक्षित करने की कवायद 2026 के बाद परिसीमन आयोग के माध्यम से ही होगी।
पत्र मिलने के बाद गोवा में एसटी समुदाय ने फिर से 2024 में लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।
हाल ही में संपन्न मानसून सत्र में गोवा विधानसभा ने राज्य में एसटी के सदस्यों के लिए विधानसभा में आरक्षण का प्रावधान करने के लिए सर्वसम्मति से एक निजी सदस्य प्रस्ताव अपनाया था।
वेलिप ने कहा, समुदाय के कई सदस्यों ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लेने और इस मसले पर केंद्र सरकार के साथ बातचीत करने में टालमटोल को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की है। सदन में आवासन देने के बावजूद मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस दिशा में कोई कदम क्यों नहीं उठाया, केंद्र से बात करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल क्यों नहीं भेजा“
उन्होंने कहा कि एसटी संगठनों ने प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर बहिष्कार जागरूकता बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया है। पहली सभा मुख्यमंत्री सावंत के विधानसभा क्षेत्र सांक्वेलिम में होगी।
वेलिप ने कहा, अगर केंद्र सरकार 2024 के लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों के आरक्षण के संबंध में अधिसूचना जारी नहीं करती है, तो आगामी लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने का संकल्प लिया गया है।
एमपीआरएसटी के नेताओं के अनुसार, यदि राजनीतिक आरक्षण दिया जाता है, तो विधानसभा में डिफ़ॉल्ट रूप से चार विधायक होंगे। इस समय विधानसभा में अध्यक्ष रमेश तवाडकर सहित चार एसटी सदस्य हैं।
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Source : IANS