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नकली प्रदर्शनी की आड़ में सोने के आभूषण निर्यात करने के आरोप में सीबीआई ने सात के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया

नकली प्रदर्शनी की आड़ में सोने के आभूषण निर्यात करने के आरोप में सीबीआई ने सात के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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केंद्रीय जांच ब्यूरो ने यूएई स्थित एक कंपनी द्वारा आयोजित नकली प्रदर्शनी की आड़ में सोने के आभूषणों का निर्यात करने के मामले में दिल्ली स्थित एक निजी कंपनी और उसके निदेशक, तत्कालीन सीमा शुल्क अधीक्षक और निजी व्यक्तियों सहित सात के खिलाफ गुरुवार को आरोप पत्र दायर किया।

इट्स माई नेम प्राइवेट लिमिटेड, इसके निदेशक राहुल गुप्ता, पूर्णिमा गुप्ता, अमित पाल सिंह, गोपाल गुप्ता, मोहम्मद नसरुद्दीन खान और विक्रम भसीन के खिलाफ यहां सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश के समक्ष आरोप पत्र दायर किया गया।

सीबीआई ने सीमा शुल्क विभाग की एक शिकायत पर इट्स माई नेम और उसके निदेशक तथा तत्कालीन सीमा शुल्क अधीक्षक, निजी व्यक्तियों, अज्ञात व्यक्तियों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

सीबीआई ने कहा कि यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने इट्स माई नेम के निदेशक राहुल गुप्ता द्वारा नियंत्रित यूएई स्थित फर्म द्वारा आयोजित एक नकली प्रदर्शनी की आड़ में देश से सोने के आभूषणों का निर्यात किया।

सीबीआई ने कहा कि यह भी आरोप है कि आरोपी कंपनी ने जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल से ऐसे निर्यात के प्रमाणपत्र प्राप्त किए थे।

आगे यह भी आरोप लगाया गया कि झूठी घोषणाएँ प्रस्तुत करके उसी आभूषण को बिना बिके आभूषण के रूप में भारत वापस लाया गया।

सीबीआई ने कहा, उक्त निजी कंपनी के निदेशक ने अपने कर्मचारियों और डमी प्रोपराइटर (जिसे उक्त निदेशक द्वारा मासिक वेतन दिया जाता था) की सहायता से और उक्त लोक सेवक की मिलीभगत से भारत में सोने के आभूषण लाकर और घोषित करके आवश्यक मंजूरी प्राप्त किए बिना पुन: आयात प्रावधान का दुरुपयोग किया।“

अधिकारी ने बताया कि पहले आरोपियों के परिसरों पर तलाशी ली गई थी।

उन्होंने कहा, जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपियों ने एडवांस ऑथराइजेशन स्कीम का दुरुपयोग किया था और कथित तौर पर सोने को ग्रे मार्केट में भेजकर सोने के सर्कुलर व्यापार में शामिल हो गए थे।

उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क विभाग को की गई घोषणा के अनुसार प्रदर्शनी उद्देश्यों के लिए निर्यात किए गए सोने के आभूषणों को आरोपी निजी कंपनी द्वारा भारत में फिर से आयात किया जाता था या संयुक्त अरब अमीरात स्थित फर्म द्वारा दिल्ली स्थित उक्त निजी कंपनी को बिना बिके आभूषणों के रूप में वापस निर्यात किया जाता था। .

आगे यह भी आरोप लगाया गया कि यूएई स्थित फर्म यूएई सीमा शुल्क के समक्ष एक सीमा शुल्क घोषणा दाखिल करती थी जिसमें सोने के आभूषणों को बहुत कम मात्रा यानी एक किलोग्राम से भी कम के लिए आरोपी के माध्यम से निजी परिवहन से भारत में निर्यात के लिए घोषित किया जाता था। साथ ही बड़ी मात्रा यानी लगभग 50 किलोग्राम सोने के आभूषणों की खेप अन्य देशों को निर्यात करने की घोषणा की जाती थी।

भारत और अन्य देशों के लिए एक ही दिन, लगभग एक ही समय और एक ही हवाई अड्डे से उड़ानें चुनी जाती थीं। अधिकारी ने बताया कि यह भी आरोप लगाया गया कि दुबई में प्रवासन की औपचारिकताओं के बाद बड़ी मात्रा में सोने के आभूषण भारत आने वाले व्यक्ति को सौंप दिए जाते थे।

अधिकारी ने बताया, एक आरोपी ने कथित तौर पर 2018-2019 के दौरान भारत से लगभग 100 बार दुबई की यात्रा की। 2019 के दौरान, उक्त आरोपी को आईजीआई हवाई अड्डा दिल्ली में रोका गया और कथित तौर पर उसके पास लगभग 50 किलोग्राम सोने के आभूषण पाये गये।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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