कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम के प्रमुख सहायक निदेशक मिथिलेश कुमार मिश्रा को तत्काल बदलने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने ईडी निदेशक को 3 अक्टूबर तक प्रतिस्थापन सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। उसी दिन ईडी ने तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को एजेंसी के साल्ट लेक कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है।
हालांकि, बनर्जी ने शुक्रवार सुबह कहा कि वह ईडी कार्यालय में नहीं जायेंगे।
जस्टिस सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि मिश्रा को पश्चिम बंगाल में किसी भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की किसी भी तरह की जांच का काम नहीं सौंपा जा सकता है।
शुक्रवार को, वरिष्ठ अधिवक्ता और माकपा के राज्यसभा सदस्य बिकास रंजन भट्टाचार्य ने नई दिल्ली में राजनीतिक व्यस्तताओं के कारण 3 अक्टूबर को ईडी के समन पर अभिषेक बनर्जी के उपस्थित नहीं होने की सूचना अदालत को दी।
इस पर न्यायमूर्ति सिन्हा ने ईडी को निर्देश दिया कि उनकी निर्धारित जांच प्रक्रिया किसी भी कीमत पर बाधित नहीं होनी चाहिए और जांच को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय एजेंसी कानूनी प्रावधानों के अनुसार कोई भी कदम उठाने के लिए स्वतंत्र होगी।
न्यायमूर्ति सिन्हा ने स्पष्ट रूप से कहा कि अदालत ने स्कूल भर्ती घोटाले में जांच की सुचारू प्रगति को आगे बढ़ाने में संबंधित ईडी अधिकारी की दक्षता पर विश्वास खो दिया है। न्यायाधीश ने हाल ही में मिश्रा के जांच के तरीके पर असंतोष व्यक्त किया था और उनसे यह भी पूछा था कि क्या वह जांच से राहत चाहते हैं।
मामले की सुनवाई के दौरान 25 सितंबर को अभिषेक बनर्जी की संपत्तियों पर अधूरा विवरण प्रस्तुत करने के लिए मिश्रा को न्यायमूर्ति सिन्हा की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा। उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई कि केंद्रीय एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में बनर्जी की केवल तीन बीमा पॉलिसियों का ही जिक्र क्यों किया।
न्यायमूर्ति सिन्हा ने तब कहा था, आपकी रिपोर्ट में उनके बैंक खाते के विवरण का कोई उल्लेख नहीं है। क्या यह संभव है कि उनका कोई बैंक खाता नहीं है? ऐसा लगता है कि आपको उनके सटीक आवासीय पते की भी जानकारी नहीं है।
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Source : IANS