कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर रोक लगा दी। रोक पिछले महीने कोलाघाट में उनके आवास पर देर रात की छापेमारी के मामले में लगाई गई है।
पुलिस ने मई में लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्वी मेदिनीपुर जिले के कोलाघाट स्थित शुभेंदु अधिकारी के किराए के आवास पर देर रात तक छापेमारी की थी। शुभेंदु अधिकारी ने इस कार्रवाई को जस्टिस अमृता सिन्हा की सिंगल-जज बेंच में चुनौती दी थी।
जस्टिस सिन्हा ने 24 मई को इस मामले में पुलिस कार्रवाई पर 10 जून तक अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था। सोमवार को अंतरिम रोक की अवधि समाप्त हो गई। इसके बाद मंगलवार को यह मामला जस्टिस सिन्हा की बेंच में सुनवाई के लिए आया, जहां जस्टिस सिन्हा ने आखिरकार रोक को 28 जून तक बढ़ा दिया।
मामले की अगली सुनवाई 19 जून को होगी। 24 मई को हुई पिछली सुनवाई के दौरान शुभेंदु अधिकारी के वकील ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के बीच विपक्ष के नेता को परेशान करने के लिए देर रात पुलिस की कार्रवाई जानबूझकर की गई थी। हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने दावा किया कि उस रात की पुलिस कार्रवाई एक अलग मामले में थी। पुलिस को यह भी पता नहीं था कि यह जगह विपक्ष के नेता ने किराए पर ली थी।
उस दिन जस्टिस सिन्हा ने कहा कि यह अजीब बात है कि इस मामले में पुलिस सिर्फ शिकायत मिलने पर और बिना उचित जांच के सुबह-सुबह मौके पर पहुंच गई। 24 मई को उन्होंने सवाल किया था कि कितने मौकों पर पुलिस इतनी मुस्तैदी से काम करती है?
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Source : IANS