कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार को उत्तर बंगाल में सीबीआई का एक नया कैंप कार्यालय स्थापित करने के लिए प्रावधान करने का निर्देश दिया है।
एकल-न्यायाधीश पीठ ने राज्य सरकार को वहां केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के लिए परिवहन व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया है। मामले में सीबीआई की अपील के बाद अदालत ने यह निर्देश दिया है।
सीबीआई के वकील ने अदालत को सूचित किया कि अक्सर उनके अधिकारियों को विभिन्न मामलों में जांच के लिए कोलकाता से उत्तर बंगाल की यात्रा करनी पड़ती है। इसलिए ऐसी स्थिति में उन्हें वहां एक स्थायी कैंप कार्यालय की आवश्यकता होती है जो राज्य सरकार के सहयोग के बिना संभव नहीं है।
अदालत ने मामले में सीबीआई के वकील की दलील को वैध पाया और राज्य सरकार को इसके लिए आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
इससे पहले, बुधवार को इसी पीठ ने राज्य पुलिस से 10 कर्मियों की सीबीआई में प्रतिनियुक्ति को भी मंजूरी दी थी, जिसमें दो इंस्पेक्टर और आठ कांस्टेबल शामिल हैं।
इस बीच कोलकाता में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को पार्थ सेन और कौशिक माजी को 17 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, जो पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल में नौकरी के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले आखिरी व्यक्ति थे।
दोनों एम बसु रॉय एंड कंपनी के अधिकारी थे, जो पश्चिम बंगाल में स्कूल की नौकरियों के लिए लिखित परीक्षाओं के लिए ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार थे।
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Source : IANS