कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी के मध्य कोलकाता में कैमक स्ट्रीट स्थित कार्यालय के सामने एक विरोध रैली की अनुमति देने से कोलकाता पुलिस के इनकार को खारिज कर दिया।
पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों को बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता न मिलने के खिलाफ बुधवार को उन्होंने रैली निकालने की योजना बनाई है।
पुलिस से इसके अनुमति नहीं मिलने के बाद रैली के आयोजक, जो ग्रुप-डी श्रेणी में राज्य सरकार के कर्मचारी हैं, ने अनुमति के लिए न्यायमूर्ति सेनगुप्ता की पीठ से संपर्क किया।
मंगलवार को मामले पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता कौस्तव बागची और प्रीति कर के वकीलों ने तर्क दिया कि कैमक स्ट्रीट होकर रैली निकालने की अनुमति देने से इनकार करते हुए पुलिस ने उस व्यस्त मार्ग से आने-जाने-वाले स्कूली बच्चों की असुविधा का हवाला दिया है।
बागची ने कहा, “मूल रूप से रैली की योजना कालीघाट क्षेत्र में बनाई गई थी। लेकिन इस संबंध में शहर पुलिस की अपील के बाद आयोजनकर्ताओं ने रास्ता बदल दिया। फिर उन्होंने कैमक स्ट्रीट के वैकल्पिक मार्ग से रैली की योजना बनाई। अब पुलिस स्कूली बच्चों की समस्या का बहाना बनाकर उसका भी विरोध कर रही है। क्या प्रशासन की आपत्ति इसलिए है कि किसी व्यक्ति विशेष का कार्यालय सड़क के उस हिस्से पर स्थित है? मेरे मुवक्किल शांतिपूर्वक रैली करेंगे।
अंत में, न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने अनुमति पर प्रशासन के इनकार को खारिज कर दिया और फैसला सुनाया कि रैली कैमक स्ट्रीट के रास्ते ही आयोजित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि चूंकि सड़क के उस हिस्से पर कोई स्कूल नहीं है, इसलिए प्रशासन द्वारा उद्धृत स्कूली बच्चों की असुविधा का कारण तर्कसंगत नहीं है।
न्यायाधीश सेन गुप्ता ने आदेश दिया, “तो स्कूली बच्चों के लिए असुविधा पैदा किए बिना उस सड़क से रैली आयोजित की जा सकती है। जरूरत पड़ने पर रैली उस सड़क से होकर एक विशेष चैनल से गुजर सकती है। रैली को उस सड़क पर रुके बिना आगे बढ़ना चाहिए।”
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS