सुप्रीम कोर्ट ने 2009 के आतंकवाद से जुड़े एक मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत के एक न्यायाधीश के खिलाफ गौहाटी उच्च न्यायालय द्वारा की गई कुछ प्रतिकूल टिप्पणियों को हटाने का आदेश दिया है।
जस्टिस ए.एस. बोपन्ना और पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि न्यायिक अधिकारी के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणियों को हटाया गया माना जाएगा और किसी भी तरह से उनके खिलाफ नहीं माना जाएगा।
पीठ ने 10 नवंबर को पारित अपने आदेश में स्पष्ट किया, उक्त टिप्पणियों को हटा दिए जाने के बावजूद, आदेश/निर्णय लागू रहेगा, यदि यह बाद में किसी अन्य मामले में आता है, तो उसकी योग्यता के आधार पर विचार किया जाएगा।
इस वर्ष अगस्त में दिए गए अपने फैसले में, उच्च न्यायालय ने अन्य बातों के अलावा यह भी कहा कि ट्रायल कोर्ट कार्यवाही के हर चरण में अभियोजन के पक्ष में गहरी जड़ें जमाए हुए था और पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत विशेष न्यायाधीश द्वारा अभियुक्तों को दी गई सजा को पलट दिया।
याचिकाकर्ता-न्यायाधीश ने शीर्ष अदालत के समक्ष एक विशेष अनुमति याचिका दायर करके इन टिप्पणियों को चुनौती दी थी।
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Source : IANS