सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लागू किए गए नियमों के कार्यान्वयन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दाखिल 200 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले में अगली सुनवाई 9 अप्रैल को तय की है। पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल थे।
अपने आवेदन में, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने कहा था कि सीएए के तहत अधिसूचित नियम साफ तौर पर मनमाने हैं और केवल उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर व्यक्तियों के एक वर्ग के पक्ष में अनुचित लाभ देते हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के तहत सही नहीं है।
अदालत ने केंद्र सरकार से सीएए पर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने केंद्र सरकार से पूछा कि नोटिफिकेशन पर रोक की मांग वाली याचिका पर जवाब देने के लिए उनको कितना समय चाहिए। इस पर केंद्र की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ने 4 हफ्ते का का समय मांगा। हालांकि अदालत ने जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र को तीन हफ्ते का समय दिया।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS