उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह नीट (यूजी) 2024 परीक्षा में पेपर लीक और कदाचार के अन्य मामलों में सिर्फ एक पक्ष के कहने पर सीबीआई जांच का आदेश नहीं दे सकता।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली अवकाश पीठ ने एक वकील के आवेदन पर सुनवाई के दौरान कहा, हमने याचिका पर विचार किया। हम एक पक्ष के कहने पर आदेश नहीं सुनाते हैं। कैसी सीबीआई जांच? क्या सिर्फ एक पक्ष को सुनकर आज के आज सीबीआई जांच का आदेश दिया जा सकता है? क्या आपकी यह मांग है? वकील ने मामले में तत्काल सीबीआई जांच की मांग की थी।
पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति संदीप मेहता भी शामिल थे, ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) पेपर लीक के आरोपों से जुड़े सीबीआई/एसआईटी जांच की मांग वाली नई याचिकाओं पर दो सप्ताह में जवाब दाखिल कर सकती है।
साथ ही शीर्ष अदालत ने अगली सुनवाई से पहले कथित पेपर लीक की शिकायत की जांच पर बिहार पुलिस से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। पीठ ने कहा, आपने अपनी याचिका में हर तरह के आरोप लगाये हैं। हमने उन्हें (एनटीए और अन्य को) अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। वे अपना जवाब दाखिल करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में परीक्षा रद्द करने तथा अन्य मसलों से जुड़ी विभिन्न याचिकाओं पर 8 जुलाई को एक साथ सुनवाई होगी।
शीर्ष अदालत इससे पहले कई मौकों पर नीट (यूजी) 2024 के परिणामों के आधार पर मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिये गये अपने फैसले में बर्बाद समय के बदले ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1,563 छात्रों के स्कोरकार्ड देखने के बाद उन्हें दिये गये ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिये। शीर्ष अदालत ने उन्हें 23 जून को दोबारा परीक्षा में शामिल होने या अपने वास्तविक मार्क्स के आधार पर मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग में भाग लेने का विकल्प दिया है। दोबारा हुई परीक्षा का परिणाम 30 जून को आएगा।
शीर्ष अदालत ने पूरी काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
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Source : IANS