भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने बुधवार को पूरे तेलंगाना में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस सरकार से चुनाव से पहले किए वादे के अनुसार, भूमि नियमितीकरण योजना (एलआरएस) को बिना किसी शुल्क के लागू करने की मांग की।
विपक्षी दल ने कांग्रेस पर अपनी बात से मुकरने का आरोप लगाते हुए सरकारी दफ्तरों के सामने विरोध प्रदर्शन किया। बिना किसी शुल्क के एलआरएस के माध्यम से प्लॉट्स को नियमित करने की मांग को लेकर विधायकों और वरिष्ठ नेताओं ने जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
बीआरएस नेता और पूर्व मंत्री ने अमीरपेट में हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एचएमडीए) के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थीं और कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार एलआरएस के नाम पर लोगों से 20 हजार करोड़ रुपए लूट रही है।
वहीं विधायक एम. गोपाल और एम. गोपीनाथ ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के मुख्य कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
बीआरएस नेताओं ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस ने एलआरएस को मुफ्त देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद वह मुकर गए।
विरोध प्रदर्शन के दौरान कुकटपल्ली स्थित जीएचएमसी सर्कल कार्यालय में तनाव व्याप्त हो गया। पुलिस ने बीआरएस पार्षदों और अन्य नेताओं को अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने के लिए कार्यालय में जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इस बीच झड़प में कुछ प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
इससे पहले, बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने कांग्रेस सरकार पर एलआरएस के माध्यम से राज्य के लोगों से 20 हजार करोड़ लूटने का आरोप लगाया। उन्होंने आवेदकों से कोई शुल्क लिए बिना एलआरएस के माध्यम से प्लॉट्स के तत्काल नियमितीकरण की मांग की।
केटीआर ने दावा किया, एलआरएस के माध्यम से आवेदन करने वाले 25.44 लाख लोगों पर कम से कम 1 लाख रुपए का बोझ पड़ेगा क्योंकि कांग्रेस सरकार अपने वादे से मुकरती दिख रही है।
पिछले हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केटीआर ने लोगों से पैसे लूटने के साधन के रूप में एलआरएस पर कांग्रेस नेताओं की ओर से की गई आलोचना के वीडियो चलाए थे।
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Source : IANS