Advertisment

तेलंगाना में भाजपा के 3 सांसदों और प्रमुख नेता एटाला राजेंदर को विधानसभा चुनाव में करना पड़ा हार का सामना

तेलंगाना में भाजपा के 3 सांसदों और प्रमुख नेता एटाला राजेंदर को विधानसभा चुनाव में करना पड़ा हार का सामना

author-image
IANS
New Update
hindi-bjp-three-telangana-mp-eatala-uffer-defeat--20231203195105-20231203204500

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

भाजपा के सभी तीन सांसदों और उसके प्रमुख नेता एटाला राजेंदर को तेलंगाना विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। नतीजे रविवार को घोषित किए गए।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और करीमनगर के सांसद बंदी संजय करीमनगर निर्वाचन क्षेत्र में बीआरएस उम्मीदवार और नागरिक आपूर्ति मंत्री गंगुला कमलाकर से 4,000 से अधिक वोटों से हार गए।

बंदी संजय को कुछ महीने पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था और उनकी जगह केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को नियुक्त किया गया था।

किशन रेड्डी को छोड़कर भाजपा ने अपने सभी सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा था।

निजामाबाद के सांसद अरविंद धरमपुरी, जिन्होंने 2019 में निजामाबाद लोकसभा क्षेत्र में केसीआर की बेटी के. कविता को हराया था, कोराटला निर्वाचन क्षेत्र में बीआरएस के कल्‍वकुंतल संजय से 10,000 से अधिक मतों से हार गए।

आदिलाबाद के सांसद सोयम बापू राव बोथ निर्वाचन क्षेत्र में बीआरएस के अनिल जाधव से 22,800 वोटों से हार गए।

हालांकि, भाजपा ने 2018 में अपनी संख्या एक से बढ़ाकर आठ कर ली, लेकिन उसे बड़े झटके भी लगे। इसने अपने दो मौजूदा विधायकों को खो दिया, जो उपचुनाव में चुने गए थे।

पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक एटाला राजेंदर हुजूराबाद की सीट बरकरार रखने में असफल रहे, वह बीआरएस के पी. कौशिक रेड्डी से 16,873 वोटों से हार गए।

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और पार्टी की चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष राजेंद्र को भी गजवेल में हार का सामना करना पड़ा। वे मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव से 42,352 मतों के भारी अंतर से हार गए।

2021 में मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने के बाद राजेंद्र ने बीआरएस छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए। उसी वर्ष हुए उपचुनाव में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में हुजूराबाद सीट बरकरार रखी थी। इस जीत से भाजपा को बड़ा प्रोत्साहन मिला था और भगवा पार्टी ने खुद को बीआरएस के एकमात्र व्यवहार्य विकल्प के रूप में पेश करना शुरू कर दिया था।

भाजपा के एक और मौजूदा विधायक एम. रघुनंदन राव भी हार गए। वह बीआरएस उम्मीदवार और मेडक सांसद के. प्रभाकर रेड्डी से 53,513 वोटों से हार गए। वह 2020 में हुए उपचुनाव में दुब्बाक से चुने गए थे। भगवा पार्टी ने यह सीट बीआरएस से छीन ली थी।

भाजपा के एकमात्र मौजूदा विधायक, जिन्होंने सीट बरकरार रखी, वह राजा सिंह हैं। विवादास्पद नेता ने हैदराबाद के गोशामहल निर्वाचन क्षेत्र से बीआरएस के नंद किशोर व्यास को 21,457 वोटों से हराकर हैट्रिक बनाई। कई मौकों पर नफरत फैलाने वाले भाषणों के लिए राजा सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उन्हें पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार भी किया गया था, जब उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की थीं, जिस कारण बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था।

राजा सिंह को प्रिवेंटिव डिटेंशन (पीडी) एक्ट के तहत जेल भेज दिया गया। भाजपा ने उन्हें निलंबित भी कर दिया था। नवंबर में तेलंगाना उच्च न्यायालय द्वारा उनके खिलाफ पीडी अधिनियम की कार्यवाही रद्द किए जाने के बाद उन्‍हें रिहा कर दिया गया था। भाजपा ने हाल ही में उनका निलंबन रद्द कर दिया और उन्हें गोशामहल से फिर से मैदान में उतारा।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment