प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले के आरोपी व्यवसायी बकीबुर रहमान का रुतबा राज्य में पिछले वाम मोर्चा शासन के दौरान बढ़ा था।
ईडी द्वारा इसी मामले में शुक्रवार की सुबह राज्य के वर्तमान वन मंत्री और पूर्व राज्य खाद्य एवं आपूर्ति ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार किया गया।
मल्लिक के बेहद करीबी विश्वासपात्र माने जाने वाले उत्तर 24 परगना जिले के अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के विधायक नारायण गोस्वामी ने कहा कि रहमान का रुतबा 2007 से बढ़़ना शुरू हुुआ, जब सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा सत्ता में था।
गोवामी ने कहा, तब न तो ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री थीं और न ही मल्लिक उनके मंत्रिमंडल में सदस्य थे। उनका रुतबा तब बढ़ना शुरू हुआ जब बुद्धदेव भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री थे। इसलिए ईडी को केवल तृणमूल कांग्रेस की छवि खराब करने के बजाय मामले की स्वतंत्र जांच करनी चाहिए। ज्योतिप्रिय मल्लिक के खिलाफ बड़ी साजिश रची गयी है।
हालांकि, सीपीआई (एम) नेतृत्व ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है और दावा किया है कि राज्य में 12 साल तक शासन करने के बाद भी, 34 साल के वाम मोर्चा शासन का भूत अभी भी सत्तारूढ़ पार्टी को परेशान कर रहा है।
सीपीआई (एम) के उत्तर 24 परगना जिला सचिवालय सदस्य अहमद अली ने कहा, “जब भ्रष्टाचार की कोई घटना सामने आती है और सत्तारूढ़ दल के किसी प्रभावशाली सदस्य को भ्रष्ट आचरण में शामिल होने के कारण पकड़ा जाता है, तो वही पुराना रिकॉर्ड चलना शुरू हो जाता है। तृणमूल कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच केंद्रीय एजेंसियां करें। हम किसी भी आरोप का सामना करने से नहीं डरते हैं और न ही हम किसी जांच से बचने के लिए ढाल पाने की कोशिश करेंगे।”
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Source : IANS