Advertisment

हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने जगन सरकार के खिलाफ वाईएसआरसीपी सांसद की जनहित याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने जगन सरकार के खिलाफ वाईएसआरसीपी सांसद की जनहित याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

author-image
IANS
New Update
hindi-ap-hc-judge-recue-from-hearing-yrcp-mp-pil--20231108163906-20231108182900

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश ने बुधवार को राज्य सरकार के कथित अवैध फैसलों और भ्रष्ट गतिविधियों की जांच के लिए वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के बागी सांसद के. रघु रामकृष्ण राजू की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया।

जब याचिका मुख्य न्यायाधीश धीरज सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति आर रघुनंदन राव की खंडपीठ के सामने आई, तो राव ने यह कहते हुए सुनवाई से खुद को अलग कर लिया कि यह मेरे सामने नहीं है।

न्यायाधीश ने इस आधार पर सुनवाई से इनकार कर दिया कि जनहित याचिका (पीआईएल) के कुछ पक्ष पहले उनके क्लाइंट थे।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह बाद की तारीख में मामले की सुनवाई के लिए एक नई पीठ का गठन करेंगे।

रघु रामकृष्ण राजू ने जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लिए गए कुछ फैसलों की सीबीआई से जांच कराने का निर्देश देने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि ये फैसले मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी, उनके रिश्तेदारों और कुछ निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए लिये गए हैं।

जनहित याचिका में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी, सांसद वी विजय साई रेड्डी, सरकारी सलाहकार सज्जला रामकृष्ण रेड्डी और मंत्री पेद्दीरेड्डी रामचंद्र रेड्डी प्रतिवादी हैं।

इस बीच, रघु रामकृष्ण राजू ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा लाभार्थियों को आवंटित टीआईडीसीओ घरों के बदले बैंक ऋण प्राप्त करना एक और बड़ा घोटाला है।

उन्होंने कहा कि पलाकोल्लु से टीडीपी विधायक निम्माला रामानायडू ने इस घोटाले का खुलासा किया है। विधायक ने बैंक का नोटिस पाने वाले लाभार्थियों के साथ धरना दिया।

सांसद ने कहा कि भविष्य में जगन सरकार राज्य में रहने वाले लोगों की सारी संपत्ति गिरवी रख सकती है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment