Advertisment

आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में पशु कल्याण बोर्ड ने मुर्गों की लड़ाई रोकने को कहा

आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में पशु कल्याण बोर्ड ने मुर्गों की लड़ाई रोकने को कहा

author-image
IANS
New Update
hindi-animal-welfare-board-ak-ap-telangana-to-top-cockfight--20240113112406-20240113115551

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

पशु कल्याण बोर्ड ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को मकर संक्रांति के दौरान मुर्गों की लड़ाई रोकने के लिए इमरजेंसी एजवाइजरी जारी की है।

यह एडवाइजरी पीपुल्स फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया की एक शिकायत पर जारी की गई है कि देश में मुर्गों की लड़ाई पर प्रतिबंध के बावजूद, अखाड़े स्थापित किए गए हैं और मुर्गों को स्टेरॉयड और अल्कोहल दिया गया है।

पेटा के अनुसार, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) ने तुरंत आंध्र प्रदेश पशु कल्याण बोर्ड और तेलंगाना राज्य पशु कल्याण बोर्ड को एक पत्र जारी कर अधिकारियों को कानून के तहत उचित कार्रवाई करने और कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11(1) (एम) (2) और (एन) के तहत मुर्गों की लड़ाई निषिद्ध है।

पेटा इंडिया ने भी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में राज्य पुलिस को पत्र भेजकर कार्रवाई का आग्रह किया और जब्त किए गए पक्षियों को लेने की पेशकश की।

आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने यूनिट अधिकारियों को मकर संक्रांति के दौरान मुर्गों की लड़ाई के प्रति सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं।

पेटा इंडिया की एडवोकेसी प्रोजेक्ट्स की निदेशक खुशबू गुप्ता कहती हैं, पेटा इंडिया मुर्गों की लड़ाई के बारे में जानने वाले किसी भी व्यक्ति से पुलिस को इसकी रिपोर्ट करने का आग्रह करता है।

पेटा इंडिया ने राज्य पुलिस को सूचित किया है कि वह किसी भी जब्त किए गए मुर्गों के लिए अभयारण्य में एक सुरक्षित स्थान खोजने के लिए तैयार है।

लड़ाई के लिए पाले गए मुर्गों को अक्सर तंग पिंजरों में रखा जाता है और अभ्यास लड़ाई में यातना दी जाती है। लड़ाई में उनकी आंखें फूट सकती हैं, उनके पंख और पैर टूट सकते हैं, उनके फेफड़ों में छेद हो सकते हैं, या उनकी रीढ़ की हड्डी टूट सकती है। एक या दोनों पक्षी मर सकते हैं और दोनों अक्सर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं।

पेटा ने कहा कि इन आयोजनों में मुर्गों की लड़ाई के लिए ब्लेड लगाए गए मुर्गों ने गलती से इंसानों को मार डाला है। इस दौरान जुएबाजी आम बात है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment