बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को जाति सर्वेक्षण को अपनी सरकार की उपलब्धि के रूप में पेश किया, मगर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उनके दावे को खारिज कर दिया और कहा कि यह पिछड़ी जाति के लोगों के अधिकारों को मारने के लिए तैयार किया गया है।
उन्होंने यहां रविवार को पूर्वी क्षेत्र की 26वीं क्षेत्रीय परिषद की बैठक के बाद कहा, “चुनाव में राजनीतिक लाभ लेने के मूल विचार के साथ मुस्लिम और एक या दो जातियों को लाभ पहुंचाने के लिए बिहार में जाति सर्वेक्षण करवाया गया। साथ ही, इस रिपोर्ट के जरिए पिछड़ी जाति के लोगों का हक मारा गया। यह अन्याय है।
उन्होंने कहा, जब जाति सर्वेक्षण का प्रस्ताव हमारे सामने आया, तब भाजपा बिहार में सत्ता में थी और हमने इसका समर्थन किया था। यहां तक कि जब रिपोर्ट सामने आई और कानून बन गई, तब भी भाजपा ने इसका समर्थन किया। इसके बावजूद अब कई सवाल उठाए जा रहे हैं। राजनीतिक लाभ के लिए दूसरों के साथ अन्याय करना बुद्धिमानी नहीं है।
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Source : IANS