लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में लद्दाख लोकसभा सीट पर सोमवार को मतदान होगा। केंद्र शासित प्रदेश के दो जिलों लेह और कारगिल के 1.84 लाख मतदाता अपना वोट डालेंगे।
निर्वाचन क्षेत्र में कुल 577 मतदान केंद्र हैं, जिनमें लेह में 298 और कारगिल में 279 हैं।
लेह जिले में हानले (अनले) फु मतदान केंद्र समुद्र तल से 15 हजार फीट की ऊंचाई पर है। यह दुनिया का दूसरा सबसे ऊंचा मतदान केंद्र है।
लेह जिले के नुबरा क्षेत्र में वारशी मतदान केंद्र अंतिम गांव है। यह सियाचीन ग्लेशियर बेस कैंप से मात्र 20 किलोमीटर दूर है। यह मतदान केंद्र एक ही परिवार के पांच वोटरों के लिए बनाया गया है।
वायु सेना ने चुनाव कर्मियों, ईवीएम और सुरक्षाकर्मियों को लेह के झिंगचेन और डिप्लिंग मतदान केंद्रों तथा कारगिल जिले के फेमा, रालाकुन और शैडे मतदान केंद्रों तक पहुंचाया।
दोनों जिलों के लिए पोलिंग कर्मचारियों को सुरक्षा कर्मियों के साथ रविवार को भेजा जा रहा है।
भाजपा के ताशी ग्यालसन, कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस के बागियों के समर्थित एक निर्दलीय उम्मीदवार हाजी हनीफा जान चुनावी मैदान में हैं।
इंडिया गठबंधन की शर्तों के अनुसार, एनसी ने लद्दाख सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी थी। लेकिन स्थानीय एनसी और कांग्रेस के भीतर विद्रोहों ने इस निर्वाचन क्षेत्र में गठबंधन को विफल कर दिया है।
कुल 1.84 लाख मतदाताओं में से 95,926 कारगिल जिले में और 88,877 मतदाता लेह जिले में हैं। इनमें 1,127 मतदाता दिव्यांग और 1,570 बुजुर्ग हैं। लेह जिला बौद्ध बहुल है, जबकि कारगिल शिया मुस्लिम बहुल है।
भाजपा ने 2014 और 2019 में यह सीट जीती थी। इस बार ऐसी संभावना है कि कारगिल जिले से एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार कांग्रेस व भाजपा के दो प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त बनाए रखेगा।
लेह के डिप्टी कमिश्नर संतोष सुखादेव ने बिना किसी परेशानी के मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए धारा 144 लागू की है।
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Source : IANS