बाहरी उतार-चढ़ाव और प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, अदाणी पोर्टफोलियो ऑफ कंपनीज ने वित्त वर्ष 24 और पिछले पांच वर्षों में मजबूत और लगातार वृद्धि दर्ज की है। यह कंपनी के कारोबार की मजबूती और स्थिरता को दर्शाता है। कंपनी ने रविवार को ये बात कही।
अदाणी समूह ने रविवार को कहा कि वित्त वर्ष 24 में, अदाणी पोर्टफोलियो ऑफ कंपनीज ने पिछले साल के मुकाबले ईबीआईटीडीए में 45 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की। यह 82,917 करोड़ रुपये (लगभग 10 बिलियन डॉलर) पर पहुंच गई, जो अदाणी पोर्टफोलियो के इतिहास में सबसे अधिक है।
कंपनी ने कहा, नकद लाभ या परिचालन से राशि प्रवाह (एफएफओ) 56,828 करोड़ रुपये (लगभग 6.7 बिलियन डॉलर) रहा। इसमें पिछले साल के मुकाबले 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह इसकी अनुशासित निवेश रणनीति का परिणाम है कि ईबीआईटीडीए से नकद लाभ प्राप्त हुआ।
तीन दशकों में निर्मित मजबूत परिसंपत्ति आधार अब 478,137 करोड़ रुपये (लगभग 57 बिलियन डॉलर) है, जो 16 प्रतिशत अधिक है। ये परिसंपत्तियां अब 350 मिलियन से अधिक उपभोक्ताओं की सेवा करती हैं। इसमें हवाई अड्डों, बिजली वितरण, स्मार्ट मीटरिंग, गैस वितरण और डायरेक्ट टू कंज्यूमर डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म में तेजी से बढ़ते उपभोक्ताओं की सुविधाएं शामिल हैं।
कंपनी ने कहा, कुल परिसंपत्तियों में लगाई गई इक्विटी अब तक के उच्चतम स्तर 62 प्रतिशत पर है, जबकि वित्त वर्ष 23 में यह 55 प्रतिशत थी।
इसने कहा कि नकद भंडार अब 59,791 करोड़ रुपये (लगभग 7 बिलियन डॉलर) के उच्चतम स्तर पर है। यह पिछले साल के मुकाबले 48.5 प्रतिशत अधिक है।
कोर इंफ्रा और यूटिलिटी प्लेटफॉर्म ने वित्त वर्ष 24 में 69,337 करोड़ रुपये या कुल ईबीआआईटीडीए का 84 प्रतिशत सृजित किया।
पूर्वानुमानित नकदी प्रवाह के कारण पोर्टफोलियो कंपनियों में कई रेटिंग अपग्रेड हुए।
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन पहली बड़ी भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी बन गई है। इसे एएए रेटिंग मिली है।
कंपनी ने कहा अब, तीन सूचीबद्ध पोर्टफोलियो कंपनियों - एपीएसईजेड, अंबुजा सीमेंट और एसीसी- को एएए की उच्चतम आईएनआर रेटिंग मिली है। इसके अलावा, एईएसएल के तहत दो एएए रेटिंग वाली इकाइयां हैं। इनके नाम अलीपुरद्वार ट्रांसमिशन और वेस्टर्न ट्रांसमिशन हैं।
वर्तमान में, अदाणी पोर्टफोलियो ऋण प्रोफ़ाइल घरेलू बैंकिंग, वैश्विक बैंकिंग और पूंजी बाजारों में संतुलित जोखिम का प्रतिनिधित्व करती है। कंपनी ने जोर देकर कहा, कुल ऋण मिश्रण में, घरेलू बैंकिंग जोखिम 36 प्रतिशत और घरेलू पूंजी बाजार 5 प्रतिशत है, जबकि 26 प्रतिशत वैश्विक बैंकिंग बाजार में जोखिम है। वैश्विक पूंजी बाजार 29 प्रतिशत पर है और शेष 4 प्रतिशत अन्य के पास है।
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Source : IANS