असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को विपक्ष, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) और अन्य संगठनों के उसे दावे का खंडन किया कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के प्रभावी होने के बाद राज्य में विदेशियों की आमद बढ़ जाएगी।
सीएम सरमा ने संवाददाताओं से कहा, मैं आश्वस्त करता हूं कि एक भी व्यक्ति, जिसने पहले राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में पंजीकरण के लिए आवेदन नहीं किया है, वह सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन नहीं करेगा। अगर मेरा दावा झूठ निकला, तो हिमंत बिस्वा सरमा सीएम पद से इस्तीफा देने वाले पहले व्यक्ति होंगे।
उन्होंने दलील दी कि सीएए लागू होने से असम पर अवैध विदेशियों का कोई बोझ नहीं पड़ेगा।
सीएम सरमा ने कहा, चूंकि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है, हर कोई देख सकता है कि मेरा बयान सच है या नहीं।
असम के सीएम ने यह भी कहा कि सीएए का विरोध करने वाले लोग वास्तव में झूठ फैला रहे हैं।
गौरतलब है कि केंद्र द्वारा सीएए को लागू करने के लिए नियमों को अधिसूचित करने के कुछ घंटों बाद, राज्य के विभिन्न हिस्सों में एएएसयू और 30 स्वदेशी संगठनों ने सोमवार को विधेयक की प्रतियों को आग लगा दी थी।
मंगलवार को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा के साथ-साथ, 16 सदस्यीय संयुक्त विपक्षी मंच, असम (यूओएफए) भी विरोध प्रदर्शन करेगा।
एएएसयू के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन (एनईएसओ) मंगलवार को पूर्वोत्तर के प्रत्येक राज्य की राजधानियों में सीएए की प्रतियां जलाएगा।
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Source : IANS