देश की 80 प्रतिशत कंपनियों को अर्थव्यवस्था पर भरोसा, इस साल देंगी ज्यादा नौकरियाँ

देश की 80 प्रतिशत कंपनियों को अर्थव्यवस्था पर भरोसा, इस साल देंगी ज्यादा नौकरियाँ

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

वैश्विक स्तर पर आर्थिक भावनाओं में गिरावट के संकेत के बावजूद, मेक इन इंडिया, ईज ऑफ डुइंग बिजनेस और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन जैसी पहलों से प्रेरित देश के 80 प्रतिशत मझौले उद्यमों ने अगले 12 महीने के लिए देश की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक विश्वास जताया है। गुरुवार को जारी एक नई सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार रिपोर्ट (आईबीआर) के अनुसार, उन्नत प्रौद्योगिकियों, विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को अपनाने की दिशा में भी एक उल्लेखनीय बदलाव हुआ है, जिसमें 72 प्रतिशत मझौले उद्यम एआई की क्षमता का लाभ उठाने के लिए प्रौद्योगिकी निवेश में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। ग्रांट थॉर्नटन के मिड-मार्केट कंपनियों के वैश्विक सर्वेक्षण इस बात की जानकारी दी गई है।

ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के पार्टनर सिद्धार्थ निगम ने कहा कि सकारात्मक दृष्टिकोण महज लाभ की उम्मीदों पर आधारित नहीं है। लगभग 83 प्रतिशत भारतीय मिड-मार्केट कंपनियों को आने वाले वर्ष में राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है, क्योंकि देश का विशाल घरेलू बाजार आकर्षक विस्तार के अवसर प्रदान करता है।

उन्होंने कहा, इस राजस्व वृद्धि से अधिक नौकरियाँ पैदा होने की संभावना है, विशेष रूप से आईबीआर के अनुसार मिड-मार्केट कंपनियों में। इस वर्ष 78 प्रतिशत लोगों को रोजगार में वृद्धि की उम्मीद है, जो वैश्विक औसत 51 प्रतिशत से अधिक है।

हालाँकि, इस तकनीकी विकास के बीच, 44 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने एआई के कारण लोगों को कौशल बढ़ाने की लागत में संभावित वृद्धि को स्वीकार किया, जो इस संक्रमण के दौरान रणनीतिक योजना की आवश्यकता का सुझाव देता है।

इसके अलावा, 58 प्रतिशत का मानना है कि एआई बाजार में खुद को अलग करने और ग्राहकों की अपेक्षाओं से कहीं आगे जाने के लिए उत्पादों और सेवाओं में नवाचार को बढ़ावा देगा। यह विकास को गति देने में एआई की भूमिका की स्पष्ट पहचान को दर्शाता है।

ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और टेक लीडर राजा लाहिरी ने कहा, “गतिशील प्रगति और नवाचार पारंपरिक व्यापार मॉडल को जल्द ही बदल सकते हैं जिससे राजस्व में गिरावट और बाजार हिस्सेदारी का नुकसान हो सकता है। इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए कंपनियों को चपलता बनाए रखनी चाहिए, प्रौद्योगिकी विशेष रूप से जेनरेटिव एआई, क्लाउड आदि में लगातार निवेश करना चाहिए।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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