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2024 तक 70 प्रतिशत भारतीय वेयरहाउस अपना सकते है वर्कफ़्लो ऑटोमेशन : रिपोर्ट

2024 तक 70 प्रतिशत भारतीय वेयरहाउस अपना सकते है वर्कफ़्लो ऑटोमेशन : रिपोर्ट

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय और एशिया प्रशांत (एपीएसी) के लगभग 70 प्रतिशत वेयरहाउस ज्यादा कस्टमर-सेट्रिंक टास्क के लिए 2024 तक वर्कफ़्लो को स्वचालित करने की योजना बना रहे हैं।

जेबरा टेक्नोलॉजीज के अनुसार, लगभग 58 प्रतिशत वेयरहाउस डिसीजन-मेकर्स ने 2028 तक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टेक्नोलॉजी को तैनात करने की योजना बनाई है, जो इन्वेंट्री विजिबिलिटी बढ़ाने और आउट-ऑफ-स्टॉक को कम करने में मदद करेगी।

इसके अलावा, 84 प्रतिशत भारतीय और एपीएसी वेयरहाउस लीडर श्रम की कमी के बीच कर्मचारियों को बनाए रखने के लिए रोबोटिक्स जैसी तकनीकी अपनाने पर जोर देते हैं।

जेबरा टेक्नोलॉजीज के भारत और उपमहाद्वीप के उपाध्यक्ष रजनीश गुप्ता ने कहा, ऐसे उच्च मांग वाले समय में परिचालन दक्षता, चपलता और वास्तविक समय पर निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाने के लिए वेयरहाउस संचालकों को सर्वोत्तम श्रेणी के तकनीकी समाधान अपनाने चाहिए। इसमें रिटर्न को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने, इन्वेंट्री विजिबिलिटी में सुधार करने और मांग पूर्वानुमान को बढ़ाने के लिए संचालन को आधुनिक बनाना शामिल है।

ग्लोबल लेवल पर, 73 प्रतिशत वेयरहाउस डिसीजन-मेकर्स आधुनिकीकरण परियोजनाओं की समय-सीमा में तेजी ला रहे हैं या आगे बढ़ाएंगे, एपीएसी में डिसीजन-मेकर्स इसी तरह 69 प्रतिशत के साथ संरेखित हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, इससे रिटर्न मैनेजमेंट में मदद मिलनी चाहिए, जो सर्वे में शामिल लगभग आधे वेयरहाउस डिसीजन-मेकर्स (वैश्विक स्तर पर 47 प्रतिशत, एपीएसी में 40 प्रतिशत) द्वारा उद्धृत टॉप ऑपरेशनल चैलेंज पर चढ़ गया।

लगभग आधे वेयरहाउस डिसीजन-मेकर्स का मानना है कि स्वचालन मैन्युअल पिकिंग, ऑर्डर एरर और साइकिल टाइम को कम करके कर्मचारी दक्षता और उत्पादकता में सुधार करता है।

इस बीच, ग्लोबल स्तर पर 10 में से 8 गोदाम सहयोगी (81 प्रतिशत) और एपीएसी (78 प्रतिशत) का मानना है कि अधिक प्रौद्योगिकी और स्वचालन अपनाने से उन्हें उत्पादकता लक्ष्यों को पूरा करने या उससे आगे निकलने में मदद मिलती है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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