Advertisment

अमेरिका में फेंटेनाइल वितरण मामले में 2 भारतीय नागरिकों पर मुकदमा

अमेरिका में फेंटेनाइल वितरण मामले में 2 भारतीय नागरिकों पर मुकदमा

author-image
IANS
New Update
hindi-2-indian-national-charged-for-role-in-fentanyl-ditribution-in-u--20231026080906-20231026095813

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

फेंटेनाइल वितरित करने और नशीली दवाओं की आय को वैध बनाने को लेकर दो भारतीय नागरिकों पर आरोप तय किए गए हैं। वह एक बिचौलिए की मदद से इस काम को अंजाम देते थे। आरोपियाें ने दक्षिणी इलिनॉय की एक जिला अदालत में अपना गुनाह कबूल लिया है।

मोइसेस ए सनाब्रिया (32) ने मंगलवार को स्वीकार किया कि उन्होंने भारत स्थित दवा वितरण कंपनी और अमेरिका में ग्राहकों के बीच बिचौलिए के रूप में काम किया।

सनाब्रिया को फेंटेनाइल वितरित करने की साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दोषी ठहराया गया है। जिसमें भारतीय नागरिक आशीष के. जैन (37) और एम. ईश्वर राव (40) शामिल थे।

जैन पर एक नियंत्रित पदार्थ के वितरण के एक मामले में अतिरिक्त आरोप लगाया गया है।

अदालती दस्तावेजों के अनुसार सनाब्रिया को भारत में फार्मास्युटिकल दवा वितरण केंद्र से न्यू जर्सी में फुरानिल फेंटेनल और टेपेंटाडोल युक्त गोलियां मिलीं और फिर जनवरी 2018 और मार्च 2021 के बीच सीधे अमेरिकी ग्राहकों को ऑर्डर भेज दिया गया।

कई अवसरों पर सनाब्रिया ने इलिनॉय के दक्षिणी जिले में काम कर रहे ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (डीईए) के लिए गुप्त एजेंटों को आदेश भेजे।

नशीली दवाओं से प्राप्त आय के लिए अमेरिका और भारत के बीच मुद्रा का आदान-प्रदान करने के लिए, सनाब्रिया ने न्यूयॉर्क में एक कंपनी की स्थापना की।

उसने जनवरी से अक्टूबर 2021 तक 114,334 डॉलर कमाए जिन्‍हें छुपाया गया।

दक्षिणी इलिनोइस में डीईए प्रवर्तन संचालन के प्रमुख, कार्यवाहक सहायक विशेष एजेंट प्रभारी माइकल ई. रेहग ने कहा, यह आदमी लोगों को यह सोचकर बेवकूफ बना रहा है कि फार्मास्युटिकल दवाएं बिना प्रिस्क्रिप्शन के खरीदी जा सकती हैं और भारत से डाक से भेजी जा सकती हैं।

रेहग ने कहा, उसकी अवैध आय को भारत में वापस लाना इस बात का एक और उदाहरण है कि कैसे ये अंतरराष्ट्रीय आपराधिक संगठन अमेरिकियों से अवैध रूप से लाभ कमाते हैं।

आरोपियों को मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश, फेंटेनाइल वितरित करने की साजिश और नियंत्रित पदार्थ का वितरण करने के मामले में 20 साल तक की कैद हो सकती है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment