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अमेरिका में बुजुर्ग पीड़ितों को धोखा देने के आरोप में दो भारतीयों को 41 महीने की जेल

अमेरिका में बुजुर्ग पीड़ितों को धोखा देने के आरोप में दो भारतीयों को 41 महीने की जेल

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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अमेरिका भर में पीड़ितों से वायर ट्रांसफर में अवैध रूप से प्राप्त 12 लाख डॉलर स्वीकार करके वायर धोखाधड़ी की साजिश में उनकी भूमिका के लिए दो भारतीय नागरिकों को 41 महीने जेल की सजा सुनाई गई है।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर. सेलिंगर ने बताया कि 29 वर्षीय अरुशोबाइक मित्रा और 25 वर्षीय गरबिटा मित्रा को अमेरिकी जिला न्यायाधीश एस्थर सालास के समक्ष वायर धोखाधड़ी की साजिश के एक मामले में दोषी ठहराया गया था।

न्यायाधीश सालास ने मंगलवार को नेवार्क संघीय अदालत में सजा सुनाई।

अमेरिकी अटॉर्नी सेलिंगर ने कहा, इन प्रतिवादियों और उनके साजिशकर्ताओं ने छल और धमकियों का इस्तेमाल करके हमारे कुछ सबसे कमजोर नागरिकों को अपना शिकार बनाया और उन्हें पैसे भेजने के लिए मजबूर किया।

हमारी बुजुर्ग आबादी को इस प्रकार के धोखेबाज रोबोकॉल घोटालों से बचाना हमारे कार्यालय की प्राथमिकता है। जो लोग इस तरह की बुजुर्ग धोखाधड़ी योजना में शामिल हैं, वे न्याय का सामना करने के लिए तैयार रह सकते हैं।

इस मामले में दायर दस्तावेजों और अदालत के बयानों के अनुसार, एक अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी योजना के हिस्से के रूप में, आपराधिक भारत-आधारित कॉल सेंटरों ने अमेरिकी निवासियों, विशेष रूप से बुजुर्गों को धोखा देने के इरादे से देश भर में पीड़ितों के लिए स्वचालित रोबोकॉल का उपयोग किया।

इन स्वचालित कॉलों के माध्यम से पीड़ितों के साथ संपर्क स्थापित करने के बाद साजिश के अन्य सदस्य पीड़ितों को अपने साथी सदस्‍यों को नकद शिपमेंट या वायर ट्रांसफर के माध्यम से बड़ी रकम भेजने के लिए मजबूर करते थे या बरगलाते थे।

इन षड्यंत्रकारियों ने पीड़ितों को पैसे भेजने के लिए राजी करने के लिए कई तरह के हथकंडों का इस्तेमाल किया, जिसमें खुद को सामाजिक सुरक्षा प्रशासन जैसी एजेंसियों के सरकारी अधिकारी बताना या एफबीआई या डीईए के कानून प्रवर्तन अधिकारी बताना शामिल था। वे पीडि़तों को पैसे न देने पर गंभीर कानूनी या वित्तीय परिणाम भुगतने की धमकी देते थे।

अन्‍य हथकंडों में कॉल करने वाले पीड़ित को यह विश्वास दिलाते थे कि वे एक तकनीकी सहायता कंपनी के किसी व्यक्ति से बात कर रहे हैं और पीड़ित को उसके पर्सनल कंप्यूटर का रिमोट एक्‍सेस प्रदान करने के लिए मजबूर करते थे।

इसके बाद कॉल करने वाला पीड़ित के बैंक खातों तक पहुंच बनाता था उसे यह दिखाता था कि उसने अनजाने में पीड़ित के बैंक खाते में पैसे भेज दिए हैं, जबकि वास्तव में कॉल करने वाले ने पीड़ित के ही किसी अन्य खाते से पैसे ट्रांसफर किए होते थे।

फिर कॉल करने वाला पीड़ित को अन्य सदस्यों को मेल या वायर ट्रांसफर के माध्यम से पैसे वापस करने का निर्देश देगा।

जेल की शर्तों के अलावा, न्यायाधीश सालास ने अरुशोबाइक और गार्बिटा को तीन साल की निगरानी में रिहाई की सजा सुनाई और उन्हें क्षतिपूर्ति के रूप में 8,35,324 डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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