सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच युद्ध अगले सप्ताह छह महीने के करीब पहुंच जाएगा। इसको लेकर यूनिसेफ और सेव द चिल्ड्रेन ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि सूडान में अनुमानित 19 मिलियन बच्चे इसके चलते स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बयान के हवाले से बताया कि कुल मिलाकर, लगभग 6.5 मिलियन बच्चों ने अपने क्षेत्र में बढ़ती हिंसा और असुरक्षा के कारण स्कूल तक पहुंच खो दी है, संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में कम से कम 10,400 स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इस बीच युद्ध से कम प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले 5.5 मिलियन से अधिक बच्चे स्थानीय अधिकारियों की पुष्टि करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि क्या कक्षाओं को फिर से खोला जा सकता है।
सूडान में 23 मिलियन बच्चे हैं, जो देश की कुल आबादी का लगभग आधा हिस्सा है।
15 अप्रैल को संघर्ष शुरू होने से पहले ही लगभग 70 लाख बच्चे स्कूल से बाहर थे।
दोनों एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि यदि युद्ध जारी रहता है, तो आने वाले महीनों में सूडान में कोई भी बच्चा स्कूल नहीं जा पाएगा, जिससे उन्हें विस्थापन, सशस्त्र समूहों द्वारा भर्ती और यौन हिंसा सहित तत्काल और दीर्घकालिक खतरों का सामना करना पड़ेगा।
वहीं सामाजिक सेवाओं पर खर्च में भारी गिरावट आई है, सशस्त्र संघर्ष शुरू होने के बाद से लगभग सभी राज्यों में शिक्षकों को अपना वेतन नहीं मिल रहा है।
बयान में आगे कहा गया कि शिक्षा आपूर्ति की कमी है, और सुविधाओं का रखरखाव नहीं किया गया है। हालांकि सूडान में शिक्षा प्रणालियां क्रियाशील बनी रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ क्षेत्रों में प्रयास चल रहे हैं, लेकिन इसमें महत्वपूर्ण बाधाएं हैं, और जरूरतें तेजी से संसाधनों से आगे निकल रही हैं।
यूनिसेफ और सेव द चिल्ड्रन ने सूडानी अधिकारियों से सुरक्षित क्षेत्रों में स्कूलों को फिर से खोलने का आह्वान किया, जबकि उन समुदायों में वैकल्पिक शिक्षण तौर-तरीकों का समर्थन किया जहां सुरक्षा चिंताओं के कारण स्कूल अब खुले नहीं रह सकते हैं।
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सूडानी बच्चों के साथ एकजुटता से खड़े होने और यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक संसाधन और सहायता प्रदान करने का आह्वान किया है कि लाखों सूडानी बच्चे स्कूल वापस जा सकें। साथ ही यह कहा कि संघर्ष प्रभावित बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर सीखने और मनोसामाजिक सहायता प्राप्त करने का अवसर मिले।
सूडानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 3,000 लोग मारे गए हैं और 6,000 से अधिक अन्य घायल हुए हैं।
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Source : IANS