इजराइल में नेपाली राजदूत कांता रिजाल के अनुसार, हमास आतंकवादियों द्वारा किए गए घातक हमलों के दौरान इजराइल में कम से कम 10 नेपाली नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
उन्होंने नेपाली मीडिया को बताया कि उग्रवादी हमलों में मरने वाले सभी छात्र थे, जो इजरायली सरकार के सीखो और कमाओ पैकेज पर वहां पहुंचे थे।
हालाँकि, नेपाल के विदेश मंत्रालय ने क्रूर हमले में नेपाली नागरिकों की दु:खद मौतों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
रिजाल ने नेपाली मीडिया को बताया कि हमले में तीन अन्य नेपाली नागरिक घायल हो गए। बताया जाता है कि जानलेवा हमले में मारे गए लोग नेपाल के अलग-अलग विश्वविद्यालयों से वहां पहुंचे छात्र थे।
रिजाल के मुताबिक, मृतकों की पहचान नारायण प्रसाद न्यूपाने, गणेश कुमार नेपाली, आशीष चौधरी, दीपेश राज बिस्ता, आनंद साह, राजेश कुमार स्वर्णकार, राजन फुलारा, पदम थापा, प्रवेश भंडारी और लोकेंद्र सिंह धामी के रूप में हुई है। डांग के डागीशरण-3 के बिधान सेजवाल और प्रवीण डांगी घायल हो गए और वर्तमान में एक स्थानीय अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है। दोनों की हालत गंभीर है। उन्होंने कहा कि मृतकों के शवों को नेपाल भेजने का प्रयास किया जा रहा है।
इससे पहले रविवार दोपहर विदेश मंत्री एन.पी. सऊद ने संसद को बताया कि इजरायल के अंदर हमास के हमले के बाद कम से कम 12 नेपाली नागरिक लापता हो गए हैं।
उनकी स्थिति का पता लगाने के लिए सरकार ने अपने सभी तंत्र सक्रिय कर दिए हैं।
नेपाली नागरिकों की वास्तविक स्थिति का पता लगाने और उनकी निकासी के लिए और इज़राइल के अंदर स्थिति का आकलन करने के लिए मंत्री के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय तंत्र स्थापित किया गया है ताकि वह इज़राइली अधिकारियों के साथ समन्वय कर सके और उचित निर्णय ले सके। सऊद ने सदन को बताया कि रविवार सुबह कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा, वर्तमान में 4,500 नेपाली केयरटेकर इजरायल में काम कर रहे हैं और 265 नेपाली छात्र सीखो और कमाओ योजना के तहत पढ़ रहे हैं। इनमें से 119 कृषि विश्वविद्यालय से, 97 त्रिभुवन विश्वविद्यालय से और 49 सुदुर पश्चिम विश्वविद्यालय से हैं।
सुदुर पश्चिम विश्वविद्यालय के 49 छात्रों में से 17 किबुत्ज़ अलुमिम में पढ़ रहे थे जो गाजा क्षेत्र के करीब है।
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Source : IANS