राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने सोमवार को एक समारोह में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के नवनियुक्त न्यायाधीश रंजन शर्मा, बिपिन चंद्र नेगी और राकेश कैंथला को पद की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू और मुख्य न्यायाधीश ममीदन्ना सत्य रत्न श्री रामचन्द्र राव भी उपस्थित थे। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शपथ समारोह की कार्यवाही का संचालन किया और तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में राष्ट्रपति द्वारा जारी नियुक्ति पत्र को पढ़ा। राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा ने शपथ पत्र पर राज्यपाल एवं नवनियुक्त न्यायाधीशों के हस्ताक्षर लिए।
जस्टिस रंजन शर्मा का जन्म 21 अगस्त 1968 को हुआ था और वह धर्मशाला के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूल धर्मशाला से की। उन्हें रोहतक विश्वविद्यालय से एलएलबी में स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। उन्हें दिसंबर 1991 में एक वकील के रूप में नामांकित किया गया था और मार्च 2019 में वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया था।
पूर्व मुख्य सचिव के बेटे जस्टिस बिपिन चंद्र नेगी किन्नौर जिले से हैं। उनका जन्म धर्मशाला में हुआ था और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला और दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम, नई दिल्ली से की। उन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए अर्थशास्त्र (ऑनर्स) और एलएलबी एचपी विश्वविद्यालय शिमला से की। उन्हें 1994 में एक वकील के रूप में नामांकित किया गया था और 2015 में वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया। न्यायमूर्ति नेगी ने कानून के विभिन्न क्षेत्रों में अभ्यास किया है।
जस्टिस राकेश कैंथला का जन्म 23 मई 1968 को शिमला में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा डीएवी स्कूल, लक्कड़ बाजार, शिमला से की। गवर्नमेंट कॉलेज संजौली, शिमला से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने एचपी विवि से एलएलबी की। वह 1991 में एक वकील के रूप में नामांकित हुए और कानून के विभिन्न क्षेत्रों में अभ्यास किया। जस्टिस कैंथला ने 1995 में हिमाचल न्यायिक सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
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Source : IANS