राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत आसपास के इलाकों में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है. इस बीच दिन-रात चल रही लू ने तो लोगों को जीना ही मुहाल कर दिया है. गर्मी का आलम यह है कि लोगों को न तो घर में चैन मिल रहा है और न बाहर सुकून और तो और घरों में लगे कूलर-पंखे भी जवाब दे गए हैं. ऐसे में लोगों को गर्मी से बचने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा है. लोगों को अब इंतजार है तो बस बारिश का. गर्मी से राहत की तलाश में लोग अब इंद्र देवता की तरफ टकटकी लगाकर देख रहे हैं. इस बीच मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि अगले पांच दिनों में दक्षिण भारत और पश्चिमी तटीय इलाकों में भारी बारिश हो सकती है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार कोंकण और गोवा में 12 से 14 जून के बीच अत्यधिक भारी बारिश की संभावना जताई गई है. इसका मतलब है कि इन इलाकों में 200 एमएम से ज्यादा बारिश एक दिन में हो सकती है. इस दौरान समुद्र भी उग्र हो सकता है. इसलिए मछुआरों और तटीय लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. मौसम विभाग का कहना है कि इस दौरान मानसून पूरी तरह सक्रिय रहेगा. इसका असर सिर्फ दक्षिण भारत ही नहीं बल्कि धीरे-धीरे मध्य भारत और उत्तर भारत तक भी पहुंच सकता है. यह बारिश खेती के लिहाज से तो अच्छी मानी जा रही है. लेकिन आम जनजीवन को थोड़ी परेशानी हो सकती है. आईएमडी के मुताबिक उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश से पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी तक निचले और मध्य क्षोभमंडलीय स्तरों पर एक ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचण बना हुआ है. जबकि निचले क्षोभ मंडलीय स्तरों पर उत्तर पूर्वी राजस्थान से एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन और टर्फ बनी हुई है. पूर्वी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में ऊपरी हवा का एक चक्रवाती परिसंचण सक्रिय है. मध्यक्षोभ मंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक ट्रफ के रूप में नया पश्चिमी विक्षोभ कल यानी 13 जून से सक्रिय हो सकता है.