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अयोध्या विवाद के समाधान के लिए की थी भगवान से प्रार्थना: CJI डीवाई चंद्रचूड़

CJI DY Chandrachud: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के फैसले किए भगवान से बहुत मिन्नतें मांगी. उन्होंने कहा कि वह हर रोज पूजा पाठ करते हैं.

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Suhel Khan
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मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ (Social Media)

CJI DY Chandrachud: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने रविवार को कहा कि उन्होंने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के समाधान के लिए भगवान से प्रार्थना की थी. उन्होंने कहा कि अगर किसी में विश्वास है तो भगवान रास्ता ढूंढ लेंगे. दरअसल, सीजेआई चंद्रचूड़ रविवार को महाराष्ट्र के खेड़ तालुका में अपने पैतृक गांव कन्हेरसर पहुंचे थे. जहां उन्होंने अपने गांव के लोगों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने अयोध्या मामले के फैसले के बारे में ग्रामीणों को बताया.

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अपने पैतृक गांव में और क्या बोले सीजेआई

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, "अक्सर हमारे पास ऐसे मामले होते हैं लेकिन हम किसी समाधान पर नहीं पहुंच पाते, ऐसा ही कुछ अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के दौरान हुआ था, जो तीन महीने तक मेरे सामने था. मैं भगवान के सामने बैठा और उनसे कहा कि उन्हें समाधान ढूंढने की जरूरत है."

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सीजेआई ने कहा कि वह रोजाना भगवान की प्रार्थना करते हैं. सीजेआई ने कहा, "मेरा विश्वास करो, यदि आपके पास विश्वास है, तो भगवान हमेशा एक रास्ता खोजेंगे."

नवंबर 2019 में आया था राम मंदिर का फैसला

बता दें कि अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद का फैसला 9 नवंबर, 2019 को, भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने सुनाया था. इसी फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हुआ था. जो कई दशकों से देश में विवाद का कारण बना रहा.

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मस्जिद को पांच एकड़ जमीन देने का सुनाया था फैसला

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बाबरी मस्जिद का फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष को भी मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया था. सीजेआई चंद्रचूड़ उस पीठ का हिस्सा थे जिसने ये ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. बता दें कि इसी साल सीजेआई चंद्रचूड़ ने भी जुलाई में अयोध्या में राम मंदिर में दर्शन किए थे. जबकि राम मंदिर में इसी साल 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी.

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