संचार साथी एप पर सरकार का बड़ा बयान, मोबाइल में प्री-इंस्टॉलेशन को लेकर कही ये बात

संचार साथी एप को लेकर देशभर में व्यापक भ्रम और विरोध की स्थिति बनी रही. विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह एप नागरिकों की जासूसी करने का साधन बन सकता है.

संचार साथी एप को लेकर देशभर में व्यापक भ्रम और विरोध की स्थिति बनी रही. विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह एप नागरिकों की जासूसी करने का साधन बन सकता है.

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Dheeraj Sharma
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संचार साथी एप को लेकर देशभर में व्यापक भ्रम और विरोध की स्थिति बनी रही. विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह एप नागरिकों की जासूसी करने का साधन बन सकता है. इसी विवाद को देखते हुए केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि किसी भी मोबाइल फोन में संचार साथी एप का प्री-इंस्टॉलेशन अनिवार्य नहीं होगा. सरकार का कहना है कि यह एप पूरी तरह स्वैच्छिक है और इसका उपयोग जनता की इच्छा पर निर्भर करता है.

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ज्योतिरादित्य सिंधिया की सफाई: स्वैच्छिक और लोकतांत्रिक एप

संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि संचार साथी एप न तो जासूसी करता है और न ही कॉल मॉनिटर करता है. मंत्री के अनुसार, यदि कोई यूजर इस एप का उपयोग नहीं करना चाहता, तो वह इसे अपने फोन से आसानी से हटा सकता है या इसे रजिस्टर ही न करे, ऐसे में यह अपने आप निष्क्रिय रहेगा.

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस एप की जानकारी प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाए, क्योंकि इसका उद्देश्य उनकी डिजिटल सुरक्षा मजबूत करना है.

एप की जरूरत क्यों पड़ी?

संचार मंत्रालय ने तकनीकी सुरक्षा के मद्देनजर मोबाइल कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे अपने हैंडसेट में इस एप को शामिल करें. इसका लक्ष्य था नकली या डुप्लीकेट IMEI नंबरों के जरिए होने वाली साइबर धोखाधड़ी को रोकना.

IMEI नंबर किसी भी मोबाइल फोन की पहचान होती है और स्कैमर्स इसका गलत उपयोग कर अपराधों को अंजाम देते हैं. संचार साथी एप इस खतरे को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

उपलब्धियां और उपयोग के फायदे

- संचार साथी पोर्टल और एप की मदद से साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता मिली है.

- अब तक 20 करोड़ से अधिक लोग पोर्टल का उपयोग कर चुके हैं.

- 1.5 करोड़ से अधिक यूजर्स एप डाउनलोड कर चुके हैं.

- 26 लाख चोरी हुए फोन ट्रेस किए गए, जिनमें से 7.23 लाख फोन उनके असली मालिकों को लौटाए गए.

- 2.25 करोड़ संदिग्ध मोबाइल कनेक्शनों को निष्क्रिय किया जा चुका है.

- एप की सहायता से 2024 में लगभग 22,800 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी रोकी गई.

एप की प्रमुख सुविधाएं

- चोरी के फोन की शिकायत और उसे ब्लॉक करवाने की सुविधा

- नए सिम के सक्रिय होने पर अलर्ट

- आपके नाम पर जारी सभी सिमों की जानकारी

- अनधिकृत सिम को तुरंत बंद करवाने की सुविधा

- मोबाइल हैंडसेट की असलियत की पुष्टि

- डुप्लीकेट IMEI की पहचान और ब्लॉकिंग

बता दें कि संचार साथी एप तकनीक और सुरक्षा का सशक्त मिश्रण है, जो नागरिकों को डिजिटल जोखिमों से बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रहा है. 

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