महाराष्ट्र से कश्मीर तक गणपति बप्पा मोरिया, घाटी में गणेशोत्सव का भव्य समापन

Ganeshotsav: आयोजन समितियों ने पुणे के श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट और उद्योगपति-समाजसेवी पुनीत बालन के निरंतर सहयोग के लिए आभार जताया. उनका कहना था कि इस सहयोग से घाटी में गणेशोत्सव की परंपरा और भी मजबूत हुई है

Ganeshotsav: आयोजन समितियों ने पुणे के श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट और उद्योगपति-समाजसेवी पुनीत बालन के निरंतर सहयोग के लिए आभार जताया. उनका कहना था कि इस सहयोग से घाटी में गणेशोत्सव की परंपरा और भी मजबूत हुई है

author-image
Pankaj R Mishra
New Update
Maharashtra to Kashmir Ganeshotsav

Maharashtra to Kashmir Ganeshotsav Photograph: (Social)

Ganeshotsav: पूरा देश गणेशोत्सव मना रहा है. महाराष्ट्र का सबसे बड़ा उत्सव अब कश्मीर की घाटियों में भी भव्य तरीके से मनाया जा रहा है. पुणे से कश्मीर पहुंचे बप्पा की पांच दिनों तक कश्मीरी पंडित समाज ने पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ सेवा की और फिर पांचवे दिन परंपरागत तरीके से बप्पा को विदा किया गया. 

Advertisment

35 साल के इंतजार के बाद पधारे गणपति बप्पा

आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही कश्मीर की घाटियों में बप्पा का इंतजार हो रहा था. श्रीनगर के गणपत्यार मंदिर में सुबह से ही बप्पा के दर्शन के लिए जो श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंची थी उससे ये साफ है कि कश्मीर में बप्पा के भक्तों का इंतजार खत्म हो चुका है. कुलगाम जिले के वेसु क्षेत्र में भी बप्पा के भक्त अपने आराध्य गणपति बप्पा के भक्ति में रंगे नजर आए. वेसु वेलफेयर कमेटी के तत्वावधान में शोभा यात्रा और सामूहिक विसर्जन का आयोजन किया गया. आयोजकों का कहना है की कश्मीर में गणेशोत्सव केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक जड़ों को संजोने का प्रतीक भी है.

घाटी में गणेशोत्सव से समाज में बढ़ती एकता

कश्मीरी पंडित समाज ने परंपरागत श्रद्धा और उत्साह के साथ श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कर उत्सव का समापन किया. आयोजनकर्ताओं ने श्रीनगर और कुलगाम जिला प्रशासन तथा स्थानीय मुस्लिम समाज का भी आभार व्यक्त किया और बताया की उनके सहयोग और सहभागिता के कारण उत्सव शांति और सद्भाव के वातावरण में सम्पन्न हो सका. इस अवसर पर आयोजन समितियों ने पुणे के श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट और उद्योगपति-समाजसेवी पुनीत बालन के निरंतर सहयोग के लिए आभार जताया. उनका कहना था कि इस सहयोग से घाटी में गणेशोत्सव की परंपरा और भी मजबूत हुई है तथा समुदाय को नई ऊर्जा मिली है.

Kashmir Ganesh Visarjan
Kashmir Ganesh Visarjan Photograph: (NN)

नम आंखों से बप्पा की विदाई

भगवान गणेश को विदा करते हुए कई भक्त और आयोजनकर्ता भावुक भी नजर आए. विसर्जन के दौरान भावुक हुए एक आयोजक ने कहा, 'गणेशोत्सव केवल धार्मिक पूजा तक सीमित नहीं है, यह समाज को जोड़ने और साझा मूल्यों को जीवित रखने का अवसर भी है. हम उन सभी के आभारी हैं जिन्होंने इस आयोजन को गरिमा और भक्ति के साथ संपन्न करने में मदद की.' इस साल गणेशोत्सव के आयोजन की सबसे खास बात ये है की कश्मीर में बप्पा की प्रतिमाओं को पुणे से ले जाया गया था. पुणे के कई प्रसिद्ध मंडल जैसे श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी मंडल, केसरीवाड़ा मंडल और अखिल मंडई मंडल से बप्पा की प्रतिकृतियां लगातार तीसरे वर्ष कश्मीर की घाटियों में पहुंची थी. जिससे कश्मीर के गणेश भक्तों को महाराष्ट्र के पुणे की परंपरा और संस्कृति का प्रत्यक्ष अनुभव मिला. 

यह भी पढ़ें: Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा 

Maharashtra News in hindi kashmir Pune news in hindi Pune Pune News state news Ganeshotsav Ganeshotsava state News in Hindi
Advertisment