वन विभाग की उड़ी नीद, उड़ीसा से पुरुलिया होते हुए बांकुड़ा पहुंची बाघिन

ओडिशा और पश्चिम बंगाल के संयुक्त प्रयास के बाद बांकुरा जिले के कांगसाबती जंगलों से उसे खोजा गया.

ओडिशा और पश्चिम बंगाल के संयुक्त प्रयास के बाद बांकुरा जिले के कांगसाबती जंगलों से उसे खोजा गया.

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Mohit Saxena
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बाघिन जीनत ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के वन विभाग की रातों की नींद उड़ा दी है. बाघिन पुरुलिया जिले से लापता हुई थी और आज उसे पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में खोजा गया. 25 दिसंबर को जब वह लापता हुई तो वह पुरुलिया के मानबाजार जंगलों में घूम रही थी. जानकारी के अनुसार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के संयुक्त प्रयासों के बाद बांकुरा जिले के कांगसाबती जंगलों से उसे खोजा गया. बाघिन जीनत को बेहोश करने और पकड़ने के लिए 15 टीमें गठित की गई हैं. 

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बाघिन जीनत के गले में लगा रेडियो कॉलर हर एक घंटे में सिग्नल देने के कारण बंद हो गया है. इस सिग्नल के जरिए उसे ट्रेस किया जा रहा था. सिग्नल भेजने में कुछ गड़बड़ी के कारण सोमवार रात को उसके गले में लगा रेडियो कॉलर सिर्फ एक सिग्नल भेज पाया. इसके बाद 25 दिसंबर को कोई सिग्नल नहीं मिला.

बांकुड़ा के गोसाइडिही गांव के पास के जंगल में बाघिन ने आश्रय लिया है. गांव से केवल 500 मीटर की दूरी पर ही जंगल में बाघिन मौजूद है. स्वाभाविक रूप से, गांव में आतंक का माहौल है. आज सुबह बाघिन गांव से सटे जंगल में प्रवेश करते हुए गांव की मुख्य सड़क से गुज़री. 

सुबह के समय, गांव में बाघिन के पैरों के निशान देखकर स्थानीय लोग समझ गए. इसके बाद वन विभाग ने गांव में जाकर ट्रैकिंग डिवाइस की मदद से बाघिन के स्थान का पता लगाने में सफलता पाई. इस समय गांव के पास बाघिन को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया जा रहा है. गांव की सीमा को नायलॉन के जाले से घेर लिया गया है. पूरे गांव में भय का माहौल स्पष्ट है. बाघिन को पकड़ने के लिए वन विभाग पूरी तत्परता से काम कर रहा है.

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