नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले स्थित पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकी गतिविधियों की आशंका के चलते जांच तेज कर दी है। सूत्रों के अनुसार, 20 से 25 अप्रैल के बीच घाटी में संदिग्ध गतिविधियों के मद्देनज़र एनआईए ने 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी मोबाइल टावरों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) खंगालनी शुरू कर दी है।
सिर्फ कॉल नहीं, इंटरनेट गतिविधियां भी रडार पर
जांच एजेंसी केवल मोबाइल कॉल ही नहीं, बल्कि इंटरनेट के माध्यम से हुई संचार गतिविधियों - जैसे फाइल ट्रांसफर, वीडियो कॉल तथा सोशल मीडिया के प्रयोग - पर भी बारीकी से नजर बनाए हुए है। इससे संकेत मिलता है कि एनआईए की जांच अत्यंत गहन और तकनीकी स्तर पर विस्तृत है।
लश्कर-ए-तैयबा के नेटवर्क की पड़ताल
जांच के दायरे में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा भी शामिल है। एजेंसी को आशंका है कि इस क्षेत्र में किसी बड़ी आतंकी साजिश की योजना बनाई गई हो, जिसमें लश्कर की भूमिका हो सकती है। इसी कड़ी में जम्मू की कोट भलवल जेल में बंद लश्कर से जुड़े दो ओवर ग्राउंड वर्करों - निसार अहमद उर्फ हाजी और मुस्ताक हुसैन - से पूछताछ की संभावना जताई जा रही है।
खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई
सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई किसी खुफिया सूचना के आधार पर की जा रही है, जिसके अनुसार हाल ही में घाटी में कुछ संदिग्ध संचार गतिविधियां दर्ज की गई थीं। एनआईए इस बात की जांच कर रही है कि कहीं यह किसी बड़ी आतंकी घटना की तैयारी का हिस्सा तो नहीं।
आने वाले दिनों में और पूछताछ संभव
सूत्र यह भी संकेत दे रहे हैं कि आने वाले दिनों में इस सिलसिले में और गिरफ्तारियों या पूछताछ की कार्रवाई की जा सकती है। एनआईए पूरे नेटवर्क की कड़ियों को जोड़ने का प्रयास कर रही है, ताकि किसी भी संभावित खतरे को समय रहते निष्क्रिय किया जा सके।
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