दिल्ली में भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड पर आपात बैठक, पंजाब-हरियाणा में पानी को लेकर टकराव

भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) द्वारा हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के फैसले के बाद पंजाब और हरियाणा के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है.

भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) द्वारा हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के फैसले के बाद पंजाब और हरियाणा के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है.

Rahul Dabas & Ravi Prashant
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Bhakra Beas Management Board

भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड Photograph: (X)

भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) द्वारा हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के फैसले के बाद पंजाब और हरियाणा के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है. इसी संदर्भ में शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में एक आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें संबंधित राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी और केंद्रीय मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल हुए.

कई अधिकारी हुए शामिल

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बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय, गृह मंत्रालय, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के अधिकारी मौजूद रहे. पंजाब के मुख्य सचिव के छुट्टी पर होने के कारण उनकी जगह अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) आलोक शेखर और जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार बैठक में शामिल हुए. वहीं हरियाणा की ओर से मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और BBMB के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी भी बैठक में उपस्थित रहे.

जल शक्ति मंत्रालय की सीधी निगरानी

बैठक का उद्देश्य भाखड़ा डैम से हरियाणा को पानी छोड़े जाने में आ रही अड़चनों को हल करना और राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करना रहा. जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्रालय पूरे दिन स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए था, खासतौर पर भाखड़ा और नंगल डैम के आसपास की गतिविधियों पर. गृह मंत्रालय ने नंगल डैम के आसपास पुलिस बल की तैनाती पर भी गंभीरता से संज्ञान लिया है.

उधर, पंजाब सरकार ने BBMB के फैसले को लेकर पूरे दिन कानूनी सलाह ली और संभावित संवैधानिक विकल्पों पर विचार किया. बैठक में राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के अधिकारी भी जल संसाधन के मुद्दों पर चर्चा के लिए मौजूद रहे.

गौरतलब है कि हाल ही में भारत ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) के फैसले के तहत सिंधु जल संधि से बाहर निकलने का मार्ग प्रशस्त किया है. इसके बाद अगर भारत शेष तीन नदियों का पूर्ण उपयोग करता है, तो देश के भीतर कृषि और पेयजल संकट काफी हद तक समाप्त हो सकता है.

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