Rahul Gandhi के फर्जी मतदाता के आरोपों पर EC ने अपनाया कड़ा रुख, माफी मांगने को कहा

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के फर्जी मतदाता आरोपों पर कड़ा रुख अपना लिया है. हलफनामा देने को कहा गया है. राहुल गांधी अपने आरोपों पर अड़े हैं, वे आयोग पर सबूत छिपाने का आरोप लगा रहे हैं.

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के फर्जी मतदाता आरोपों पर कड़ा रुख अपना लिया है. हलफनामा देने को कहा गया है. राहुल गांधी अपने आरोपों पर अड़े हैं, वे आयोग पर सबूत छिपाने का आरोप लगा रहे हैं.

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Mohit Saxena
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EC reacts on Rahul Gandhi Statement over Maharashtra Election 2024

Rahul Gandhi(social media)

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के फर्जी वोटर वाले आरोपों को लेकर सियासी घमासान जारी है. चुनाव आयोग ने आरोपों और दावों को लेकर शपथ पत्र पर साइन करने की बात कही. वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी अपने दावों को लेकर अड़े हुए हैं. उनका कहा, संसद में संविधान की शपथ ली है.आयोग सबूतों  छिपाने की बात कर रहा है. चुनाव आयोग की ओर से फर्जी वोटिंग रोकने का प्रयास नहीं कर रहा है. 

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राहुल के फेक वोटर वाले आरोपों को लेकर चुनाव आयोग ने एक बार फिर से सख्ती के साथ अपनी बात को सामने रखा है. चुनाव आयोग का कहना है कि राहुल गांधी या तो नियमों के अनुसार, डिक्लेरेशन दें या फिर अपने झूठे आरोपों के लिए देश से माफी मांगें. चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से सभी जानकारी की मांग की थी, जिसे लेकर उन्होंने ईसी पर फेक वोटर का आरोप लगाया था.

राहुल गांधी ने क्या कहा था 

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों और दावों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. चुनाव आयोग ने कहा था कि हाल ही में अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी के दावे में एक घिसी पिटी कहानी दोहराई है. यह ठीक वैसा ही है, जैसे पुरानी बोतल में नई शराब हो. ईसी ने आगे कहा कि 2018 में तत्कालीन मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी यही राग अलापा. आज लोकसभा में विपक्ष के नेता वही राग अलाप रहे हैं.

कमलनाथ के आरोप 

चुनाव आयोग ने बताया कि 2018 में एक निजी वेबसाइट से दस्तावेज पेश किए गए. सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया गया. इस तरह से यह साबित किया जा सके कि वोटर लिस्ट में गलतियां हैं, क्योंकि 36 मतदाताओं के चेहरे दोबारा दिखाए गए थे. वहीं सच्चाई ये थी कि करीब 4 माह पहले ही  त्रुटियों को ठीक किया गया था. उसकी एक प्रति पार्टी को दी गई. इसे मतदाता सूची के लिए सर्च किए जाने योग्य पीडीएफ की मांगने को आधार बनाया. उस समय सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ की मांग को स्वीकार करने मना कर दिया था. 

 

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