कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को एक औपचारिक नोटिस जारी किया है. उनसे 2024 के लोकसभा चुनावों में मतदाता धोखाधड़ी के उनके आरोपों के लिए दस्तावेजी सबूत पेश करने को कहा है. 10 अगस्त के नोटिस में सीधे तौर पर गांधी के उस संबोधन को सामने रखा, जिसमें उन्होंने कहा, 70 वर्षीय मतदाता शकुन रानी ने भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के आंकड़ों के आधार पर दो बार मतदान किया था.
रानी ने केवल एक बार वोट डाला था
सीईओ कार्यालय की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि रानी ने केवल एक बार वोट डाला था. नोटिस में कहा गया है, "आपसे अनुरोध है कि वे प्रासंगिक दस्तावेज उपलब्ध कराया जाए. इसके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि शकुन रानी या किसी अन्य ने दो बार मतदान किया है, ताकि इस कार्यालय की ओर जांच हो सके." कर्नाटक के सीईओ वी.अंबुकुमार की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है, "इस कार्यालय की ओर से प्रारंभिक जांच से यह सामने आया है कि आपकी ओर से दिए गए संबोधन में कहा गया, सही का निशान वाला दस्तावेज मतदान अधिकारी की ओर से जारी किया गया दस्तावेज नहीं है."
सीईओ ने राहुल गांधी से कर्नाटक की मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर नाम जोड़ने और हटाने के अपने आरोपों का विवरण देते हुए एक हलफनामे पर हस्ताक्षर करने को कहा था. राहुल गांधी ने उसी दिन नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये दावे किए थे. चुनाव आयोग पर भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए चुनावों को फैबरीकेट किया गया.
1,00,250 वोट चुराए गए थे
उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि अकेले महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र में डुप्लिकेट प्रविष्टियों, फ़र्ज़ी पतों और एक ही स्थान पर बड़ी संख्या में पंजीकरण के माध्यम से 1,00,250 वोट चुराए गए थे. उन्होंने कहा, “यह चुनाव आयोग का डेटा है. दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने इस जानकारी का खंडन नहीं किया. उन्होंने नहीं बताया है कि जिस मतदाता सूची की बात राहुल गांधी कर रहे हैं, वह गलत है. आप इसे गलत क्यों नहीं कहते? क्योंकि आप सच्चाई जानते हैं. आप जानते हैं कि हम जानते हैं कि आपने पूरे देश में ऐसा किया है.”