BJP President: भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा. ये इस समय देश के सबसे बड़े सवालों में से एक है. विपक्ष भी भाजपा पर इसको लेकर ताना मार चुका है. भाजपा के सूत्रों की मानें तो पार्टी का जो भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा, वह आरएसएस की सहमति से ही बनेगा. अभी आम सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर दो दिन पहले इसको लेकर बैठक हुई थी. सूत्रों की मानें तो एक सप्ताह के अंदर पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनावों की घोषणा की जा सकती है. ऐसे में आइये जानते हैं, वे खास नाम जिनकी चर्चाएं राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में सबसे ज्यादा हैं.
शिवराज सिंह चौहान
वजह- छह बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. मध्यप्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री रहे हैं. राजनीति और लीडरशिप का लंबा चौड़ा एक्सपीरियंस है. अपने कार्यकाल में लाडली बहना योजना शुरू की, जिसकी सफलता के किस्से हर किसी के मुंह पर है. चौहान 13 साल की उम्र में ही संघ से जुड़ गए थे. इमरजेंसी में वे जेल भी गए थे. जातिगत एंगल से भी फिट बैठते हैं. संघ की लिस्ट में भी चौहान का नाम सबसे ऊपर वाले उम्मीदवारों में है.
सुनील बंसल
वजह- यूपी में भाजपा के चाणक्य नाम से मशहूर हैं. बंसल 2014 के लोकसभा चुनावों में यूपी में सहप्रभारी के रूप में नियुक्त हुए बाद में 2017 में प्रभारी नियुक्त किए गए. दोनों ही जिम्मेदारियां उन्होंने बखूबी निभाई और पार्टी को दोनों बार जीत दिलाई. बंसल को बाद में ओडिशा, तेलंगाना और बंगाल की जिम्मेदारी भी सौंपी गई. उन्होंने पार्टी को इन राज्यों में भी सफलता दिलाई. बंसल की संघ के साथ-साथ संगठन में भी अच्छी पकड़ है.
धर्मेन्द्र प्रधान
वजह- वर्तमान में केंद्रीय शिक्षा मंत्री हैं. प्रधान भाजपा के निष्ठावान और अनुभवी कार्यकर्ता हैं. प्रधान ओडिशा से आते हैं. भाजपा ओडिशा में अपनी पकड़ बना रही है. प्रधान मोदी और शाह के करीबी हैं. 15 साल पहले ही वे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बन गए थे. संगठन में उनकी अच्छी पकड़ है.
रघुवर दास
वजह- झारखंड से आते हैं. झारखंड के पहले गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री रहे हैं. राज्य की पहली सरकार रही, जिसने पूरे पांच साल शासन किया. जमीनी कार्यकर्ता हैं और भाजपा में मजबूत पकड़ है. भाजपा पूर्वी बेल्ट को इनसे साधने की कोशिश कर सकती है.
स्मृति ईरानी
वजह- 2019 में राहुल गांधी को उनके ही गढ़ अमेठी से मात दी थी. केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों का जिम्मा संभाल चुकी हैं. पार्टी का मजबूत महिला चेहरा है, जो दम से पार्टी का स्टैंड सामने रख सकती हैं. संघ के साथ करीबी रिश्ता है. हिंदी राज्यों के साथ-साथ दक्षिण भारत में भी पकड़ है.
वानति श्रीनिवासन
वजह- भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. संगठनात्मक कार्यों में भी उनका अच्छा अनुभव है. भाजपा के साथ 1993 से जुड़ी हुई हैं. कोयंबटूर दक्षिण सीट से कमल हासन जैसे बड़े नेता को हराया चुकी हैं. भाजपा को तमिलनाडु में मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका रही है.
तमिलिसाई सौंदर्यराजन
वजह- 1999 से भाजपा से जुड़ी हुई है. राष्ट्रीय सचिव सहित कई अहम पदों पर कार्यरत हैं. भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष (2014-2019) रह चुकी हैं. पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह की करीबी नेताओं में से एक हैं.
डी. पुरंदेश्वरी
वजह- TDP संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामाराव (NTR) की बेटी हैं. पहले कांग्रेस में थी पर अब भाजपा में हैं और आंध्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में काम कर रही हैं. अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनती है तो पार्टी का आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में जनाधार बढ़ सकता है.