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रविवार देर रात करीब 12:55 बजे दिल्ली-NCR और उत्तर भारत के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. यूरोपियन मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर (EMSC) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर के पास रहा. शुरुआत में इसे पाकिस्तान में बताया गया था, लेकिन बाद में स्पष्ट हुआ कि इसका केंद्र अफगानिस्तान के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में था.
कितनी थी तीव्रता?
जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) ने बताया कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.2 रही और यह करीब 10 से 15 किलोमीटर गहराई पर आया. वहीं, EMSC ने इसकी गहराई लगभग 35 किलोमीटर बताई. आपको बता दें कि शुरू में इसकी तीव्रता 6.7 बताई गई थी, जिसे बाद में संशोधित किया गया.
कहां-कहां महसूस हुए झटके?
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कई शहरों के साथ-साथ भारत में भी इसके झटके महसूस हुए. दिल्ली-NCR, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर समेत आधे भारत में लोग भूकंप की वजह से घरों से बाहर निकल आए. पाकिस्तान में पेशावर, इस्लामाबाद, रावलपिंडी, स्वात, एबटाबाद और मंशेरा जैसे शहरों में इसका असर सबसे ज्यादा देखा गया.
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया
भूकंप के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने अनुभव साझा किए. कई लोगों ने लिखा कि झटके इतने तेज थे कि इमारतें हिलने लगीं और लोग डरकर घरों से बाहर आ गए. पाकिस्तान में भी घबराहट और अफरातफरी का माहौल देखने को मिला.
राहत की बात यह है कि अब तक किसी भी तरह की जनहानि या बड़े नुकसान की खबर सामने नहीं आई है. हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस इलाके में आफ्टरशॉक्स यानी भूकंप के हल्के झटके आने की संभावना बनी हुई है.
क्यों खतरनाक है यह इलाका?
विशेषज्ञों का कहना है कि हिंदूकुश क्षेत्र पहले से भूकंपीय रूप से संवेदनशील माना जाता है. यहां समय-समय पर तेज भूकंप आते रहे हैं. इस बार भी भूकंप का असर सैकड़ों किलोमीटर दूर दिल्ली तक महसूस किया गया, जिससे इसकी ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है.
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