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DY Chandrachud: विदाई भाषण में भावुक हुए CJI चंद्रचूड़, सुनाए परिवार से जुड़े अनसुने किस्से, दिल को छू लेगी कहानी!
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DY Chandrachud: CJI डीवाई चंद्रचूड़ आज यानी रविवार को रिटायर्ड हो रहे हैं. अपनी फेयरवेल स्पीच में उन्होंने अपने परिवार से जुड़े किस्से सुनाए. यकीन मानिए ये कहानी आपके दिल को छू लेगी.
DY Chandrachud: विदाई भाषण में भावुक हुए CJI चंद्रचूड़, सुनाए परिवार से जुड़े अनसुने किस्से, दिल को छू लेगी कहानी!
Chief Justice DY Chandrachud: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ आज यानी रविवार को रिटायर्ड हो रहे हैं. जस्टिस संजीव खन्ना सोमवार को अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे. बतौर सीजेआई चंद्रचूड़ का कार्यकाल बेहद शानदार रहा. उन्होंने कई अहम फैसले सुनाए. बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में CJI चंद्रचूड़ अपने विदाई भाषण में भावुक नजर आए. इस दौरान उन्होंने अपने परिवार से जुड़े अनसुने किस्से भी सुनाए. यकीन मानिए ये कहानी आपके दिल को छू लेगी.
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CJI ने अपने पिता पूर्व मुख्य न्यायाधीश वाई वी चंद्रचूड़ से जुड़ा एक किस्सा सुनाया, जिसमें उन्होंने अपने पिता के साथ एक फ्लैट के बारे में हुई बातचीत को याद किया. CJI चंद्रचूड़ ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें रिटायर होने तक पुणे का फ्लैट न बेचने के लिए क्यों कहा था. CJI चंद्रचूड़ कहते हैं, ‘उन्होंने पुणे में यह छोटा सा फ्लैट खरीदा है. मैंने उनसे पूछा, 'आप पुणे में फ्लैट क्यों खरीद रहे हैं? आप वहां कब रहने वाले हैं?' उन्होंने मुझसे कहा, 'मुझे पता है कि मैं वहां कभी नहीं रहने वाला. मुझे नहीं पता कि मैं आपके साथ कब तक रहूंगा, लेकिन जज के तौर पर अपने कार्यकाल के आखिरी दिन तक इस फ्लैट को अपने पास रखिए.'
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SC के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने आगे बताया, ‘मैंने पूछा कि पिता से पूछा ऐसा क्यों है. उन्होंने कहा, 'अगर आपको लगता है कि आपकी नैतिक ईमानदारी या बौद्धिक ईमानदारी से समझौता किया गया है, तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि आपके सिर के ऊपर छत है. कभी भी खुद को वकील या जज के तौर पर समझौता करने की अनुमति नहीं देने देना, क्योंकि आपके पास अपना कोई ठिकाना नहीं है.' इस तरह CJI चंद्रचूड़ को उनके पिता वाईवी चंद्रचूड़ ने बड़ा मैसेज दिया था.
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मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने अपने पिता के साथ हुई एक बातचीत को दिया किया. उन्होंने बताया कि, ‘उनके पिता बहुत अनुशासित थे, लेकिन उन्होंने हमें बचपन में अनुशासित नहीं किया. उनका मानना था कि जिस तरह से उन्होंने अनुशासित जीवन जिया, उसे देखते हुए हमें अनुशासन के आदर्शों को सीखना चाहिए.’ इस तरह सीजेआई ने अपने पिता को देखकर अनुशासित रहना सीखा. बता दें कि इस कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश के परिवार के लोग भी मौजूद रहे.
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अपनी स्पीच में CJI चंद्रचूड़ ने अपनी मां को भी याद किया. उन्होंने बताया कि बचपन में वे बहुत बीमार पड़ते थे. तब कैसे उनकी मां ने रात-रात भर जागकर उनकी देखभाल की. उन्होंने कहा, ‘मुझे आज भी उनकी ये बात याद है चिकित्सा गंगा की तरह है और डॉक्टर नारायण (भगवान) की स्थिति में है. जब मैं बड़ा हो रहा था, तो उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं तुम्हारा नाम धनंजय रखा है, लेकिन धन का मतलब भौतिक संपत्ति हैस, मैं चाहती हूं तुम ज्ञान अर्जित करो.’ बता दें कि मुख्य न्यायाधीश की मां प्रभा चंद्रचूड़ ऑल इंडिया रेडियो में शास्त्रीय संगीतकार थीं.
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