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भैरव बटालियन (social media)
इंडियन आर्मी की इन्फैंट्री यानी पैदल सेना हमेशा से युद्ध के मैदान की सबसे अग्रिम पंक्ति रही है. आज यह सशक्त और सुरक्षित भारत के विज़न के साथ न्यू टेक्नोलॉजी और स्ट्रेटजी को अपनाते हुए खुद को तेजी से रूपांतरित कर रही है.
इन्फेंट्री ने अपनाई नई रणनीति और तकनीक
थलसेना में ट्रांसफॉर्मेशन के तहत इन्फैंट्री का फोकस तीन प्रमुख स्तंभों पर है-आत्मनिर्भरता, आधुनिकीकरण और मानव संसाधन उत्कृष्टता. डीजी इन्फेंट्री लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार ने कहा: "अब हर इन्फैंट्री बटालियन रणनीतिक सोच के साथ सामरिक कार्रवाइयों का सटीक तालमेल बना रही है. इन्फैंट्री की सामरिक कार्रवाई अब आधुनिक ISR (Intelligence, Surveillance & Reconnaissance) नेटवर्क से जुड़ चुकी है. थल, वायु और नौसेना के बीच अभूतपूर्व जॉइंटनेस अब भारतीय सैन्य शक्ति की पहचान है. युद्ध का चरित्र “नॉन-कॉन्टैक्ट, टेक्नोलॉजी-एनेबल्ड वॉरफेयर” की ओर बढ़ चुका है, जिसमें ड्रोन, AI सिस्टम और प्रिसिजन वेपन्स निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं."
भैरव बटालियन: फुर्तीले और अत्याधुनिक योद्धाओं की नई पहचान
भारतीय सेना ने हाल ही में ‘भैरव बटालियन’ नामक नई संरचना खड़ी की है जो पारंपरिक इन्फैंट्री और स्पेशल फोर्सेज के बीच की खाई को पाटने के लिए तैयार की गई है. ये बटालियन तेज़ तैनाती, तेज़ प्रहार और सरप्राइज एक्शन की क्षमता रखती हैं,खासकर सीमा क्षेत्रों और हाई-इंटेंसिटी ऑपरेशनों के लिए. अब तक 5 भैरव बटालियन रेज हो चुकी हैं, 4 प्रक्रिया में हैं और आने वाले 6 महीनों में 25 नई बटालियन तैयार हो जाएंगी. हर बटालियन में लगभग 250 सैनिकों की ताकत होगी. इन बटालियनों में आर्टिलरी, सिग्नल और एयर डिफेंस से भी विशेषज्ञ सैनिक शामिल किए गए हैं ताकि हर ऑपरेशन के लिए यह बटालियन बहुउद्देश्यीय और घातक बने.
अशनि प्लाटून: ड्रोन से मुकाबले की नई रणनीति
ड्रोन युद्ध अब आधुनिक युद्ध का केंद्र बन चुका है. इसी को देखते हुए भारतीय सेना ने हर बटालियन में ‘अशनि प्लाटून’ की स्थापना शुरू की है. प्रत्येक अशनि प्लाटून में 25 प्रशिक्षित सैनिक होंगे. इन सैनिकों को लेटेस्ट सर्विलांस और अटैक ड्रोन से लैस किया जा रहा है. देशभर की 380 इन्फैंट्री बटालियनों में यह प्लाटून तैनात होगी. इनका कार्य है–ड्रोन हमलों से बचाव, निगरानी और दुश्मन के ठिकानों पर सटीक प्रहार.
आधुनिकीकरण और क्षमता वृद्धि के छह स्तंभ
भारतीय इन्फैंट्री का आधुनिकीकरण छह प्रमुख स्तंभों पर आधारित है:
1. लीथालिटी यानी घातकता :
इसके तहत 7.62 mm राइफल्स, 4th/5th जनरेशन एंटी-टैंक सिस्टम, नए रॉकेट लॉन्चर और लाइटर मुनीशन का समावेश किया जा रहा है.
2. मोबिलिटी यानी गतिशीलता :
क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल, ऑल टेरेन
और लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल
की तैनाती इसमें शामिल है.
3.कम्युनिकेशन यानि संचार :
Software Defined Radios (SDR) के ज़रिए एन्क्रिप्टेड और इंटरऑपरेबल नेटवर्क तैयार किया जा रहा है.
4.बैटल फील्ड ट्रांसपेरेंसी एक युद्धक्षेत्र पारदर्शिता:
ड्रोन, सर्विलांस रडार और थर्मल इमेजर्स से रीयल-टाइम स्थिति की जानकारी.
5. सर्वाइवल की क्षमता:
NIJ लेवल IV बुलेटप्रूफ जैकेट, टैक्टिकल शील्ड और उन्नत सोल्जर किट से सुसज्जित सैनिक.
6. प्रशिक्षण:
टैक्टिकल सिम्युलेटर, कंटेनराइज़्ड फायरिंग रेंज और डिजिटल ट्रेनिंग सिस्टम का उपयोग.
ड्रोन प्लाटून: युद्धक्षेत्र में क्रांति
हर इन्फैंट्री बटालियन में अब एक समर्पित ड्रोन प्लाटून बनाई जा रही है जो रीयल-टाइम युद्धक्षेत्र जागरूकता और त्वरित प्रतिक्रिया में क्रांति ला रही है.
अब ड्रोन राइफल जितने ही अहम बन चुके हैं चाहे निगरानी हो या FPV-आधारित सटीक हमला.
टेक-ड्रिवन इन्फैंट्री: मानव से मशीन तक का तालमेल
इन्फैंट्री अब मैनपावर-बेस्ड नहीं रही यह टेक-ड्रिवन फॉर्मेशन बन रही है जो AI, बैटलफील्ड नेटवर्क, प्रिसिजन गाइडेड वेपन और ऑटोनॉमस सिस्टम से लैस है. यह बदलाव सिर्फ उपकरणों का नहीं, बल्कि सोच, रणनीति और क्रियान्वयन का है.
वैश्विक संघर्षों से सबक
यूक्रेन और गाजा जैसे युद्धों ने एक बार फिर साबित किया है कि “बूट्स ऑन ग्राउंड” का कोई विकल्प नहीं है.
टेक्नोलॉजी और आत्मनिर्भरता ही निर्णायक बनेंगे. भविष्य के युद्ध हाइब्रिड, लंबे और मल्टी-डोमेन होंगे जहाँ नवाचार, संयुक्तता और दृढ़ता ही सफलता की कुंजी होगी.
शौर्य दिवस: परंपरा और पराक्रम का प्रतीक
हर वर्ष 27 अक्टूबर को मनाया जाने वाला शौर्य दिवस भारतीय इन्फैंट्री की विरासत और साहस का प्रतीक है.
इसी दिन 1947 में 1 सिख रेजिमेंट के जवान श्रीनगर एयरफील्ड पर उतरे थे और पाक-समर्थित घुसपैठियों को पीछे धकेला था यही क्षण जम्मू-कश्मीर की रक्षा का निर्णायक मोड़ बना. आज “शौर्य दिवस” उस विरासत को आधुनिक युग से जोड़ता है जहाँ अतीत का पराक्रम, वर्तमान की तकनीक और भविष्य की प्रतिबद्धता एक साथ खड़ी हैं.
ड्रोन से लेकर भैरव बटालियन तक भारतीय इन्फैंट्री अब एक नई परिभाषा लिख रही है. यह न केवल भविष्य के युद्ध की तैयारी कर रही है, बल्कि भारत के गौरव, अनुशासन और साहस की भावना को और सशक्त बना रही है. “जहाँ इन्फैंट्री खड़ी होती है, वहीं से भारत की विजय शुरू होती है.”