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financial fraud Photograph: (social media)
Telecommunications Department ने आम लोगों को वित्तीय धोखाधड़ी से बचाने के लिए वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक (Financial Fraud Risk Indicator) लॉन्च किया है. यह इंडीकेटर यूजर्स को संदिग्ध लेन-देन के बारे में सचेत कर देगा, जिससे अनेक लोग ऐसी धोखाधड़ी से बच सकेंगे.
यूजर्स को संदिग्ध लेनदेन की मिलेगी जानकारी
साइबर धोखाधड़ी के मामले आए दिन समाचारों की सुर्खियों में छाए रहते हैं. इसमें भोलेभाले लोग अपनी जमापूंजी लुटा देते हैं. ऐसे लोगों को बचाने के लिए दूरसंचार विभाग सामने आया है. बताया जाता है कि साइबर धोखाधड़ी का मुकाबला करने के लिए दूरसंचार विभाग ने वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक लॉन्च किया है. यह संकेतक इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह यूजर्स को किसी भी संदिग्ध लेनदेन के बारे में सचेत कर देता है.
35 हजार संदिग्ध फोन नंबर किए गए ब्लॉक
दूरसंचार विभाग का डिजिटल इंटेलिजेंस विंग अब टेलीमार्केटिंग और ऑनलाइन बेस्ड साइबर धोखाधड़ी को रोकने के काम में पूरी मुस्तैदी से जुट गया है. इसके लिए वह अपनी संचार साथी नाम की ऐप से मिले डाटा का विश्लेषण कर रहा है. साइबर धोखाधड़ी रोकने के लिए दूरसंचार विभाग ने सबसे पहले प्रदेश के 35 हजार ऐसे फोन नंबरों को, जिनसे साइबर धोखाधड़ी करने की आशंका थी, ब्लॉक कर दिया है. इन फोन नंबरों का इस्तेमाल यूजर्स को व्यावसायिक और निवेश संबंधी कॉल करने के लिए किया जा रहा था
डिजिटल इंटेलिजेंस पोर्टल से साइबर धोखाधड़ी का मुकाबला
दूरसंचार विभाग ने संचार साथी ऐप पर मिली शिकायतों का एनालिसिस करके साइबर धोखाधड़ी पर लगाम कसने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस पोर्टल बनाया है. इसकी मदद से संदिग्ध लेनदेन की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है. धोखाधड़ी की शिकायत मिलने पर ऐसे लेनदेन को रद्द भी किया जा सकता है. इससे साइबर अपराधों पर लगाम लगाना संभव हो सकेगा और भोलेभाले लोगों की जमापूंजी को हड़पने वाले धोखेबाजों की पहचान करना भी संभव हो सकेगा.