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Diwali: यूनेस्को ने दिवाली को अमूर्त विश्व धरोहर घोषित किया है. बुधवार को यूनेस्को ने संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन की इंटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेज यानी अमृत विश्व धरोहर की लिस्ट जारी की, जिसमें दिवाली को जगह दी गई. यूनेस्को की लिस्ट में जॉर्जिया, कांगो, घाना, मिस्र और इथियोपिया सहित अन्य देशों के सांस्कृति प्रतीक भी शामिल हैं.
विश्व धरोहर की सूची में शामिल होने पर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. एक्स पर किए गए पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा कि दिवाली हमारी सभ्यता की आत्मा है.
People in India and around the world are thrilled.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2025
For us, Deepavali is very closely linked to our culture and ethos. It is the soul of our civilisation. It personifies illumination and righteousness. The addition of Deepavali to the UNESCO Intangible Heritage List will… https://t.co/JxKEDsv8fT
बता दें, UNESCO की इंटर गवर्नमेंटल कमेटी फॉर इंटैन्जिबल हेरिटेज की 20वीं बैठक की दिल्ली में बैठक हो रही है. ये 8 से 13 दिसंबर तक होगी. सरकार ने खास मौके पर 10 दिसंबर को दीपावली समारोह रखने का फैसला किया, जिससे पूरी दुनिया भारत की सांस्कृतिक पहचान को मजबूती से देख सके.
मोदी बोले- दिवाली संस्कृति और प्रकृति से जुड़ी
पीएम मोदी ने एक्स पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि भारत और दुनिया भर के लोग इस वजह से उत्साहित हैं. भारतीयों के लिए दिवाली, संस्कृति और प्रकृति से जुड़ा त्योहार है. दिवाली हमारी सभ्यता की आत्मा है. ये ज्ञान और धर्म का प्रतीक है. यूनेस्को की अमूर्त विरासत सूची में शामिल होने से दीपावली की वैश्विक लोकप्रियता और अधिक बढ़ेगी.
भारत की 15 धरोहरें पहले से लिस्ट में
यूनेस्को की इस सूची में वह धरोहरें शामिल होते हैं, जिन्हें छूआ नहीं जा सकता लेकिन अनुभव किया जा सकता है. इसका उद्देश्य है कि सांस्कृतिक धरोहरें सुरक्षित रहें और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचा जा सके.
भारत की ये 15 धरोहरें अमूर्त विश्व धरोहर की सूची में शामिल
- कुंभ मेला
- रामलीला परंपरा
- योग
- नवरोज त्योहार
- कुदियाट्टम
- कालबेलिया नृत्य (राजस्थान)
- चौह नृत्य
- बौद्ध चैत्य नृत्य
- वैद्यकीय परंपराएं (आयुर्वेदिक ज्ञान)
- रंजीतगढ़ ढोल कल्चर
- गरबा (गुजरात)
- सांइत (लोक नाट्य परंपरा)
- मुदियेट्टू (केरल)
- छऊ मुखोटा कला
- दुर्गा पूजा उत्सव (कोलकाता)
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